जल शक्ति अभियान : जल संचय के निर्धारित लक्ष्य को समय रहते पूरा करें अधिकारी : उपायुक्त
-ग्राम सभाओं का आयोजन कर जल सरंक्षण के लिए लें सुझाव, बरसाती पानी संचय के लिए स्थानों का करें चयन
-बरसाती जल सरंक्षण को लेकर उपायुक्त प्रदीप कुमार ने ली अधिकारियों की बैठक
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि जल सरंक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा और पानी बर्बादी को रोकने के साथ-साथ बरसाती पानी का सरंक्षण की दिशा में गंभीरता से कदम उठाने होंगे। इसी उदेश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल संरक्षण के लिए विश्व जल दिवस के अवसर पर 22 मार्च को ‘कैच द रेन, वेयर इट फॉलस, वैन इट फॉलसÓ देशव्यापी अभियान का शुभारंभ करेंगे और यह अभियान 30 नवंबर 2021 तक चलेगा। अभियान से जुड़े संबंधित विभाग के अधिकारी इस योजना के बेहतर क्रियांवयन के लिए तैयारी करें। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत जिला में सरकारी भवनों, स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों की छतों पर जल संचय सिस्टम, वाटर हॉर्वेस्टिंग, तालाबों तथा चैक डैमों की सफाई, एकीकृत वाटर शैडों का जीर्णोद्धार आदि गतिविधियां की जाएंगी।
उपायुक्त शुक्रवार को स्थानीय पंचायत भवन में जल शक्ति अभियान के तहत कैच द रेन कार्यक्रम के संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह, एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम कालांवाली विजय सिंह, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, जिला नगर परिषद सीईओ राजेश कुमार, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेंद्र सिंह, उप निदेशक कृषि डा. बाबू लाल, जिला सलाहकार जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन राकेश सोगलान सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने कहा कि जहां भी हो जब भी हो, वहीं बारिश के पानी के संचयन किया जाए और यही इस अभियान का उद्ïेश्य है और सामूहिक प्रयास से ही जल संचय लक्ष्य को पूरा करना संभव है। संबंधित विभाग आपसी तालमेल से निर्धारित लक्ष्य को समय अवधि में पूरा करें। इसके साथ-साथ बरसाती जल सरंक्षण के लिए सही स्थानों व भवनों का चयन करें, ताकि अधिक से अधिक बरसाती पानी को एकत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, पंचायत भवनों, सरकारी भवनों व पार्कों में पौधारोपण कर स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में कार्य करें। इसके अलावा बरसाती सीजन से पहले हार्वेस्टिंग सिस्टम की सफाई का कार्य मनरेगा के माध्यम से करवाया जाए।
उपायुक्त ने कहा कि गिरता भू जल स्तर चिंता का विषय है। इसके लिए हमें आज ही सजगता से कार्य करने होंगे, ताकि भूमि का जल स्तर बढ सके। यह तभी संभव हो पाएगा जब जल चेतना खुद को जन चेतना में बदल दे और जल संचय कार्य एक जन आंदोलन के रूप में परिवर्तित किया जाए। आमजन को पानी की एक-एक बूंद का महत्व के बारे में जागरूक करते हुए पानी की व्यर्थ बर्बादी न करने के लिए प्रेरित किया जाए।