गौशालाओं को उद्योग की तरह विकसित करके आत्मनिर्भर बनाना होगा – श्रवण कुमार गर्ग
पंचकूला, 20 अगस्त- हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने जिला पंचकूला की पिंजौर स्थित श्री कामधेनु गौ सेवा सदन में आयोग के तकनीकी मार्गदर्शन में स्थापित अनुसंधान केंद्र का दौरा किया। इस अवसर पर आयोग के उपाध्यक्ष विद्यासागर बाघला, वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ अश्वनी कुमार विशेष रूप से उनके साथ मौजूद रहे।
श्री गौशाला का दौरा करते हुए चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने हरियाणा की गौशालाओं के लिए बिजली की दर 2 रूपए प्रति यूनिट गौशाला हेतु जमीन के लिए रजिस्ट्री खर्च 1ः करने हरियाणा में कॉउ प्रोटक्शन फोर्स की घोषणा करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि अब समय है कि हम गौशालाओं को एक उद्योग की तरह विकसित करें ताकि गौशाला आत्मनिर्भर बन सकें। जब गौशाला में आत्मनिर्भर होंगी तो समाज से चंदा इकट्ठा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि हमें गौशालाओं को समाज को कुछ ना कुछ प्रदान करने वाली बनाना होगा शास्त्रों में लिखा है कि गाय हमारी माता है और मां अपने बच्चों को हमेशा देती रहती है। मां कभी मांगती नहीं। इसके लिए हमें सबसे पहले देसी गोवंश का नस्ल सुधार कर उसका संरक्षण करना होगा। इससे जो बछड़ियां पैदा होंगी वह कम से कम 18 से 20 लीटर दूध देने वाली गाय बनेगी व बहुत ही उत्तम नस्ल की होंगी। जिससे प्रदेश में फिर से दूध, दही की नदिया बहेंगी।
उन्होंने कहा कि देशभर में तो कहावत है कि देशों में देश हरियाणा जित दूध दही का खाना। हमें इस कहावत को चरितार्थ करना है। इससे गाय दोबारा से गोपालक के घर होगी। श्रवण गर्ग ने कहा कि गाय का असली घर गौशाला नहीं, किसान व गोपालक का घर है। उन्होंने मिसाल देते हुए कहा कि अभी ओलंपिक जीतने वाले खिलाड़ियों ने भी अपने साक्षात्कार में कहा है कि उन्होंने देसी गाय का दूध पीकर मेहनत कि व इस स्थान पर पहुंचे।
चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि देसी गाय के दूध के अलावा गोमूत्र में गोबर से बने उत्पादों की आजकल बाजारों में जबरदस्त मांग है। गोमूत्र से फिनाइल व कई तरह की दवाएं तो बाजार में उपलब्ध है ही, वहीं अब देसी गाय के गोबर से बने उत्पादों जैसे कि घर बनाने के लिए ईट, गमलों, राखियां, दीवार घड़ियां, फोन स्टैंड व अन्य कई तरह के गोमय उत्पाद बाजार में मांग पकड़ते जा रहे हैं। कुछ गौशालाओं ने तो इस तरह के प्रयोग शुरू कर दिए हैं और बाजारों में उत्पाद उपलब्ध होने लगे हैं। इसी दिशा में हरियाणा गौ सेवा आयोग ने पिंजौर की श्री कामधेनु गौ सेवा सदन में अपने तकनीकी मार्गदर्शन में इस अनुसंधान केंद्र की स्थापना की है ताकि यहां पर गोमूत्र गोबर से बनने वाले उत्पादों पर अनुसंधान हो सके। कुछ उत्पाद अधिकृत लैब में टेस्टिंग के लिए भी भेजे गए हैं, जिन पर जांच जारी है।
उन्होंने कहा कि जब इन गो उत्पादों का एक मापदंड निर्धारित हो जाएगा या जब यह उत्पाद अपने मापदंडों पर खरे उतरेंगे, तब हरियाणा की इच्छुक सभी गौशालाओं को प्रशिक्षण देकर गौशालाओं में इन उत्पादों का निर्माण करवाया जाएगा ताकि गौशालाओं में आमदनी बढ़ सके। जब गौशालाओं में आमदनी बढ़ेगी तो वह आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ेगी। श्री गौशाला प्रांगण में आयोजित श्री श्याम बाबा के संकीर्तन में चेयरमैन हरियाणा गौ सेवा आयोग श्रवण कुमार गर्ग ने हाजिरी लगाई दी प्रचलित किया।
इस मौके पर श्री कामधेनु गौ सेवा सदन समित के चेयरमैन अशोक अग्रवाल, अध्यक्ष नरेश अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवराज धीर, उपाध्यक्ष भारत भूषण बंसल, नितिन अग्रवाल, सचिव रोहित अग्रवाल के अलावा कार्यसमिति के सदस्य विकास गोयल, प्रदीप अग्रवाल, भगीरथ लाडी आदि समेत अनेकों गौ भक्त मौजूद रहे।