गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में चलाए जा रहे कई कार्यक्रम : श्रवण कुमार गर्ग
प्रदेश की गौशालाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने की दिशा में अनेकों कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब गौशालाओं में गाय के गोबर व मूत्र से उत्पाद बनाने व गौशालाओं के सही संचालन आदि बारे संचालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश की 50 गौशालाओं को चिन्हित किया गया है।
यह बात हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने सोमवार को लघुसचिवालय स्थित सभागार में प्रेसवार्ता के दौरान कही। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह, एसडीएम जयवीर यादव व उप पुलिस अधीक्षक आर्यन चौधरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
चेयरमैन ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व की प्रदेश सरकार जब से बनी है, तब से लेकर आज तक गाय के संवर्धन व इसके सरंक्षण की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है। देश का सबसे मजबूत गौ संरक्षण व गौ संवर्धन कानून हरियाणा में लागू किया गया। इस कानून के बनने से गौ तस्करी पर रोक लगी है। इसी प्रकार गौ संवर्धन के लिए गौशालाओं में नस्ल सुधार, पंचगव्य उत्पाद, जैविक खेती प्रशिक्षण सहित अनेकों कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में और अधिक सुदृढता के उद्ेश्य से गौशालाओं को गौशाालाओं के आधुनिक संचालन व गोबर एवं मूत्र से उत्पाद बनाने बारे प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश की 50 गौशालाओं को चिन्हित किया गया है।
उन्होंने कहा कि गाय के मूत्र से अनेकों दवाईयां बनती है। रोजाना गौ मूत्र बराबर मात्रा में पानी के साथ लेने से पेट संबंधी सभी बीमरियां दूर होती हैं। पंचगव्य पदार्थ जोकि गाय के गोबर व मूत्र को मिलाकर तैयार होता है। इसका प्रयोग पूजा में भी होता है। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने कई वर्षों पूर्व ही शोध कर सिद्ध किया था कि गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास होता है। भले ही लोग उनके पास वैज्ञानिक रूप से अध्ययन न होने से शोध को समझ न पाए हों। लेकिन जब से खेती हो रही गोबर की खाद से जमीन की उर्वरा शक्ति को बढाने काम किया है, जिससे फसल उत्पादन बढा है। उत्पादन बढने के साथ ही देश आर्थिक रूप से समृद्ध बना है। अब उसी परंपरा को वैज्ञानिक विधि से गौशालाओं में पंचगव्य प्रशिक्षण, नस्ल सुधार सहित अनेकों कार्यक्रम चलाकर गौशालाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने की दिशा में गंभीरतापूर्वक कार्य किया जा रहा है।
चेयरमैन ने कहा कि सिरसा में सबसे अधिक गौशालाएं हैं। प्रदेश में 650 गौशाला हैं, जिनमें से 137 गौशालाएं अकेले सिरसा में हैं। उन्होंने कहा कि पहले हर घर में गाय होती थी। आधुनिकता के दौर में हमने गाय को सड़क पर छोड़ दिया। इसके कारण सड़क पर दुर्घटना होने से जान व माल के नुकसान के साथ-साथ गायों को भी क्षत्रि पहुंचती है। उन्होंने कहा कि जब तक एक भी गाय सड़क पर है, तब तक सभी के सहयोग से अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सिरसा के हर गांव में गौशाला हो, इसके लिए अतिरिक्त उपायुक्त ने भी आश्वस्त किया है। उन्होंने प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि सिरसा की सभी गौशालाओं को प्रशासन की ओर से पूरा सहयोग व सुविधाएं समय पर उपलब्ध हो रही हैं। इस अवसर पर चेयरमैन ने गोबर से बने दीपक व अन्य उत्पाद अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह को भेंट किए।
दीपावली पर गाय के गोबर के कम से कम पांच दीपक जलाने का किया आह्वान :
चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड की ओर से ब्रहमसरोवर में एक लाख गाय के गोबर के दीपकों के साथ गोमय दीपावली मनाई जाएगी। इसी प्रकार गीता जयंति के अवसर पर 18 लाख दीपक जलाएं जाएंगे और कुरूक्षेत्र के 48 कोस में पडऩे वाले तीर्थ स्थानों पर गोबर से बने दीपकों को जलाकर आयोजन किया जाएगा। उन्होंने आह्वान किया कि इस बार हर घर में कम से कम पांच दीपक गाय के गोबर के दीपक जलाकर माता लक्ष्मी की पूजा करें।
बॉक्स: हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि सड़कों पर एक भी बेसहारा पशु न रहे, इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाए। जिला में बेसहारा पशुओं की संख्या के अनुसार उन्हें गौशालाओं में आश्रय दिया जाए।
चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग सोमवार को स्थानीय लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में हरियाणा गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष विद्या सागर बाघला, अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह, एसडीएम जयवीर यादव, उप निदेशक पशुपालन विभाग डा. सुखविंद्र, सचिव नगर परिषद ऋषिकेश चौधरी व गौशालाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे। उन्होंने कहा कि गौशालाओं के नियमित संचालन के लिए स्थानीय संचालन समिति का गठन किया जाए और इच्छुक पंचायतों को गौशालाएं बनाने व सहयोग के लिए प्रेरित करें।
अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने निर्देश दिए कि गौशालाओं की समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित अधिकारी स्वयं निरीक्षण करें और संबंधित विभाग से तालमेल स्थापित कर समस्याओं का समाधान करवाएं। उन्होंने कहा कि गौशालाओं के प्रतिनिधि गौशालाओं की समस्याओं और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की सूचि बना कर उन्हें अवगत करवाएं।