*Andhra Pradesh and Karnataka councillors & Officials Appreciate Chandigarh's Innovative Waste Processing Units during study tour*

कोविड के सामूहिक फैलाव के खतरे के डर से और माहिरों द्वारा इस महामारी का चरम अभी दो महीने बाद आने के संकेतों की आशंकाओं के चलते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आखिरी दिनों और सार्वजनिक छुट्टी वाले दिनों में सख्ती का फैसला किया

चंडीगढ़, 11 जून-

For Detailed News-

कोविड के सामूहिक फैलाव के खतरे के डर से और माहिरों द्वारा इस महामारी का चरम अभी दो महीने बाद आने के संकेतों की आशंकाओं के चलते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को सप्ताह के आखिरी दिनों और सार्वजनिक छुट्टी वाले दिनों में सख्ती के हुक्म देते हुए सिर्फ ई-पास धारकों को ही आने-जाने की आज्ञा देने का फैसला किया है।

कोविड की स्थिति का जायजा लेने और इसके आगे फैलाव को रोकने के लिए राज्य की तैयारियों संबंधी बुलाई गई वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग में मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि मैडीकल स्टाफ और जरूरी सेवाएं मुहैया करवाने वालों को छोडक़र बाकी सभी नागरिकों को सप्ताह के आखिरी दिनों और छुट्टी वाले दिन आने-जाने के लिए ‘कौवा’ ऐप से ई-पास डाउनलोड करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को सभी दिनों में सामान्य रूप से काम करने की इजाजत होगी। इसके साथ ही उन्होंने डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता को इन निर्देशों का सख्ती के साथ पालन यकीनी बनाने के हुक्म देते हुए कहा कि बड़े जलसे होने से रोका जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे सख्त कदम विश्वभर में कोविड मामलों की भारी वृद्धि के चलते उठाए जाने अति आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि सख्त बन्दिशें ही महामारी के चरम को जितना संभव हो, उतना टाल सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस वायरस को रोकने हेतु जल्द कोई दवा या इलाज न होने की संभावना को देखते हुए सिर्फ सख्त प्रोटोकॉल ही महामारी के खिलाफ लड़ाई का एकमात्र रास्ता है।

यह चेतावनी देते हुए कि महामारी आने वाले दिनों और हफ्तों में खतरनाक रूप धारन सकती है, मुख्यमंत्री ने मैडीकल और स्वास्थ्य माहिरों को कहा कि सख्त शर्तें लागू करें और दिल्ली से आने वालों के लिए लाजिमी टैस्ट सर्टिफिकेट को अमल में लाया जाये जहाँ कि बहुत चिंताजनक स्थिति बनी हुई है। डी.जी.पी. ने मीटिंग में बताया कि राष्ट्रीय राजधानी से पंजाब में रोजाना औसतन 500 से 800 वाहन आते हैं।

https://propertyliquid.com/

मीटिंग के उपरांत सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि माहिरों द्वारा समीक्षा करने के बाद दिल्ली से आने वालों पर कड़ी रोक लगाने का फैसला किया गया।

यह पक्ष सामने लाते हुए कि राज्य में बाहर से पहुँचे ज्यादातर व्यक्तियों द्वारा गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किया गया और स्वास्थ्य अधिकारियों के पास रिपोर्ट नहीं की गई, मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ जरूरत है, वहां सख्त फैसले लेने पड़ेंगे क्योंकि मामलों में वृद्धि अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में और वृद्धि होने की संभावनाएं है।

मुख्यमंत्री द्वारा सुझाया गया कि जब वायरस के लक्षण सामने आने को 3-4 दिन लगते हैं, इसलिए राज्य के बाहर के क्षेत्रों से आने वालों का सप्ताह के बाद टैस्ट किया जाये और इसी दौरान उनको सख्ती से अपने घरों में एकांतवास में रहने के लिए कहा जाये। उन्होंने घरों में एकांतवास को सख्ती से लागू करवाने को यकीनी बनाने के लिए पंजाब पुलिस के प्रमुख को निर्देश भी दिए। पंजाब पुलिस प्रमुख द्वारा बताया गया कि इसे लागू करवाने के लिए 550 पुलिस दस्ते काम कर रहे हैं।

निजी अस्पतालों द्वारा कोविड मरीजों के इलाज और हस्पताल दाखिले की ज्यादा फीस लिए जाने संबंधी सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के द्वारा मिली शिकायतों संबंधी मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य विभाग को सी.जी.एच.एस रेट सख्ती के साथ लागू करवाने के लिए निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि बिस्तरों की उपलब्धता और अन्य आंकड़ों की जानकारी लोगों को दी जाये।

मुख्यमंत्री द्वारा यह निर्देश मामलों के दुगने होने के समय में आई कमी को देखते हुए दिए गए हैं जो 31 मई को 22 दिन और 10 जून को 15 दिन हैं, जोकि दिन प्रतिदिन इस दर के नीचे जाने को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि यह दर राष्ट्रीय दर की अपेक्षा लम्बी अवधी की है, परन्तु दुगने होने के समय में गिरावट परेशानी पैदा करने वाला मसला है।

पंजाब में राज्य के बाहर से बड़ी संख्या में लोगों के आने, हालांकि इनमें से पॉजिटिव केस ज्यादा सामने नहीं आए, संबंधी अपनी चिंताएं प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के खिलाफ राज्य की लड़ाई के प्रति कोई ढील नहीं बरती जायेगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पेश किये गए अनुमानों के अनुसार राज्य में इस महामारी का चरम अभी बाकी है और यदि मामलों के दुगने होने का समय घटने का यह रुझान रहा तो यह अगस्त के अंत में घटित होगा, को खासकर ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के यत्न और बड़े पैमाने पर बढ़ाने की जरूरत है। ‘मिशन फ़तह’ के अंतर्गत टेस्टिंग बढ़ाने और जल्द से जल्द मरीजों की पहचान करना इस संकट से निपटने की कुंजी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा मीटिंग के दौरान बताया गया कि अगले एक महीने के दौरान टेस्टिंग दोगुनी करें और घनी जनसंख्या वाले क्षेत्रों पर गहरी निगरानी रखें। मुख्यमंत्री को यह सब जानकारी देते हुए बताया गया कि चार और टेस्टिंग लैब जल्द चालू हो जाएंगी।

Watch This Video Till End….

Hindi News से जुड़े अपडेट और व्‍यूज लगातार हासिल करने के लिए हमारे साथ फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल पर जुड़ें!