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कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अभी तक कोई अत्यंत प्रभावकारी दवा उपलब्ध नहीं है।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अभी तक कोई अत्यंत प्रभावकारी दवा उपलब्ध नहीं है।

पंचकूला 19  अप्रैल-     कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अभी तक कोई अत्यंत प्रभावकारी दवा उपलब्ध नहीं है। इससे बचने का एक मात्र उपाय सोशल डिस्टेंस व लॉकडाउन की पालना ही है। इसलिए लोगों को लॉकडाउन की गंभीरता को समझते हुए सोशल डिस्टेंस बनाए रखने में सरकार प्रशासन का सहयोग करना चाहिए ताकि महामारी पर काबू पाया जा सके। लॉकडाउन की अनुपालना के बीच नागरिकों तक उनके घर द्वार पर आवश्यक सुविधाओं की सहज आपूर्ति करना जिला प्रशासन का दायित्व ही नहीं बल्कि नैतिक कर्तव्य है और जिला प्रशासन नागरिकों के सहयोग से इसे बखूबी निभाने के सार्थक प्रयास कर रहा है। 

इसी कड़ी में पंचकूला प्रशासन की ओर से आमजन की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मोबाइल चिकित्सा सुविधा के रूप में एक सराहनीय पहल की शुरूआत की है। लोगों को अब सामान्य बीमारी के लिए अस्पताल में आने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि मोबाईल टीमें उनके घर द्वार के पास ही पहुंचकर स्वास्थ्य लाभ देने का कार्य करेंगी। स्वास्थ्य सेवाओं के कार्य के लिए जिला में 12 मोबाईल टीमों का गठन किया गया है, जोकि रोडवेज की बसों के माध्यम से जिला के प्रत्येक क्षेत्रों में जाकर लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने का काम करेंगी।

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कोरोना वायरस संक्रमण कोविड-19 की वैश्विक महामारी से आज पूरी दुनिया संकट में है। इस संक्रमण को फैलने से रोकने व इसके निदान का एक मात्र उपाय सोशल डिस्टेंस ही है। दूसरे चरण के लॉकडाउन को 3 मई तक जारी रखने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार लाॅकडाउन की कड़ाई से अनुपालना की जा रही है। इसीलिए लोगों को उनके घर द्वार पर ही अधिकांश आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे है। 

प्रत्येक टीम में चिक्तिसा अधिकारी, आयुर्वेदिक डॉक्टर, दंत चिक्तिसक, नर्स सहित कई रोगों के विशेषज्ञय डॉक्टरों को शामिल किया गया है। इन बसों में डॉक्टरों के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में दवाईयां व चिकित्सा उपकरण भी उपलब्ध करवाए गए है। मोबाईल चिकित्सा टीमें सामान्य रोग जैसे बीपी, शुगर, उल्टी, दस्त, बुखार इत्यादि से पीड़ित रोगियों को चिकित्सा सुविधाएं देने के साथ साथ गंभीर बिमारियो से पीड़ित मरीजों की अलग-अलग सूची तैयार करेंगी ताकि आवश्यकता पडने पर गंभीर बिमारियों से पीडित व्यक्तियों के सैम्पल लेकर आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जा सके। यह मोबाइल टीमें हर रोज सांय को मुख्य चिक्तिसा अधिकारी को प्रतिदिन की रिपोर्ट भिजवाएंगी।

उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने जिला के लोगों से अपील की है कि जब भी टीम गांवों में पंहुचें इस दौरान सोशल डिस्टेसिंग बनाए रखें। मोबाईल चिक्तिसा टीमों की यह सुविधा इसीलिए शुरू की गई है, ताकि अस्पतालों में अधिक लोग एकत्र न हों और लोगों को उनके घर द्वार पर ही चिक्त्सिा सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें। ये टीमें शहरों के सभी गांवों एवं शहरों के प्रत्येक वार्ड के नागरिकों को स्वास्थ्य लाभ देने का कार्य करेगी। सरकार के निर्देशानुसार जिला के हर गांव व वार्ड को कवर करते हुए प्रत्येक मरीज को चिक्तिसा सुविधा उपलब्ध करवाना सुनिश्चत करेगी। इसके लिए स्टाफ को पूरा प्रशिक्षण प्रदान किया गया है ताकि स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन अनुसार लोगों को चिकित्सा मुहैया करवाने में किसी प्रकार की दिक्कत न आए।

सिविल सर्जन डा. जसजीत कौर ने बताया कि जिला मंें चल रही इन मोबाईल युनिटों की नोडल आफिसर एसएमओ डा. मीनू को लगाया गया है। इनमें शहर की स्लम बस्तियों में एक बार दौरा कर लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के भी लगभग 33775 व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई गई है। उन्हांेने बताया कि 5 गाड़ियों को शहरों एवं शेष को ग्रामीण क्षेत्रों में लगाया गया। इसके बार सभी गाड़ियों को ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्त कर दिया गया है। इस प्रकार मोबाईल युनिटें लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने का कार्य कर रही है। 

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