केंद्र सरकार के तीनों अध्यादेशों का मकसद कृषि के क्षेत्र में ढांचागत सुधार व किसानों की आय को दौगुना करना : सांसद दुग्गल
सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि किसानों की आय को दौगुना करने के उद्देश्य से ही केंद्र सरकार अपनी नई कृषि नीति के तहत तीनों अध्यादेश लेकर आई है। सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों अध्यादेश एक दूसरे के पूरक है और एक सूत्र में बंधे हुए हैं। इन अध्यादेशों को लाने का मकसद यही है कि कृषि के क्षेत्र में ढांचागत सुधार लाया जा सके और किसानों को उनकी फसल का लाभदायक मूल्य मिल सके।
सांसद ने कहा कि तीनों अध्यादेशों को लेकर भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि इन अध्यादेशों से न तो मंडी की व्यवस्था समाप्त होगी और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त किया जाएगा। हर हाल में किसान को उसकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा। सांसद ने कहा कि एक प्रकार से किसान को खुले बाजार में अपनी उपज बेचने की आजादी दी गई है। सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के हित को देखते हुए तीन अध्यादेश लेकर आई है, जिससे किसानों को हर क्षेत्र में मजबूती मिलेगी। सुनीता दुग्गल ने कहा कि किसानों को बेहतर दाम वाले अपनी पसंद के बाजार में उपज बेचने के विकल्प देने से संभावित खरीदारों की संख्या भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अध्यादेश के जरिए अनाज, तेल, प्याज और आलू आदि को इस कानून से बाहर कर दिया गया है। इससे किसानों को काफी फायदा पहुंचेगा।
सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि किसानों के हित सर्वोपरि है। किसानों तथा आमजन मानस के हितों की रक्षा भाजपा सरकार ही कर सकती है जबकि विपक्षी दल प्रदेश के किसानों व व्यापारियों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेता किसान संगठनों की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं और झूठा प्रचार कर रहे हैं कि अनाज मंडिया बंद होगी। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य भर में कोई भी अनाज मंडी बंद नहीं होगी। किसानों की फसल का एक-एक दाना उचित समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा, जिसके लिए सरकार ने पुख्ता प्रबंध किए है। सांसद ने कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दौगुनी करने के लिए वचनबद्ध है। इसके तहत प्रदेश में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनरी पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने की योजना शुरू की गई है। प्रदेश में गन्ने का भाव बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है जोकि देश में सर्वाधिक है। मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत धान के स्थान पर मक्का, कपास, बाजरा, दलहन, सब्जियां व बागवानी फसलों को बोने पर किसान को सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का प्रावधान किया है। कोरोना काल में सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत के आर्थिक पैकेज में भी कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ी राशि निर्धारित की गई है। देश में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए घोषित एक लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज आबंटित किया गया है।