*Chandigarh Shines in Swachh Survekshan 2024–25; Enters the Super Swachh League Cities*

कृषि यंत्रों के भौतिक सत्यापन कार्य के साथ वैरिफिकेशन का पहला चरण पूरा

सिरसा, 29 जुलाई।


सहायक कृषि अभियन्ता इंजीनियर डी0 एस0 यादव ने बताया है कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा समैम स्कीम के तहत आवेदित किसानों में से जिन किसानों द्वारा कृषि यंत्र खरीदे गए है, उनका खण्ड स्तर पर भौतिक सत्यापन का कार्य किया जा रहा है, जिसका आज समापन होगा। भौतिक सत्यापन का कार्य ब्लॉक स्तर पर किया गया है। रानिया ब्लॉक से कृशि यंत्रों की भौतिक सत्यापन की प्रकिया शुरू की गई थी, जिसका आज अंतिम दिन है।

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उन्होंने बताया कि ब्लॉक सिरसा, डबवाली, औढां, बडागुढा, नाथुसरी चौपटा व ऐलनाबाद का भौतिक सत्यापन का कार्य पूर्ण हो चूका है। भौतिक सत्यापन का कार्य 29 जून को शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा वर्र्ष 2019-20 के दौरान लेजर र्लैड लेवलर को छोडकर अन्य सभी कृषि यंत्रों के सभी आवेदित किसानों को अनुदान का लाभ देने का निर्णय लिया गया है, जबकि पिछले वर्षो में लाभार्थियों का चयन ड्रा/लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जाता था।


  उन्होंने बताया कि भौतिक सत्यापन के दौरान किसान का यन्त्र के साथ फोटो, यंत्र पर खुदे हुए सीरियल नम्बर एव यंत्र पर लगी नम्बर प्लेट का फोटो जी0पी0एस0 कैमरे से लिया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त सभी फोटो तथा किसान का अन्य विवरण विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन उपलोड किया जाएगा। उसके उपरान्त अनुदान राशि की अगली प्रक्रिया शुरू होगी।

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इंजीनियर डी0 एस0 यादव ने बताया कि कोरोना महामारी के सकं्रमण के चलते भौतिक सत्यापन के लिए खण्ड अनुसार सीमित संख्या में किसानों को बुलाया गया तथा मौके पर ही सहायक कृशि अभियन्ता के कर्मचारियों ने किसानों के सभी दस्तावेज जैसे आवेदन फर्म,बिल, ई-वे बिल, पटवारी की रिपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड तथा किसान के बैंक का खाता संख्या की जांच की।


उन्हेंने बताया कि स्मैम स्कीम की गाईडलाईन के अनुसार जिन किसानों के पास कृषि योग्य 5 एकड़ से कम जमीन हो या महिला किसान हो या अनुसूचित जाति से सम्बधिन्त हो तो ऐसे किसानों को कृषि यंत्र की कीमत का 50 प्रतिषत अथवा निर्धारित अधिकतम अनुदान राशि से जो भी कम होगी, वह अनुदान स्वरुप दी जाएगी। जिन किसानों के पास कृषि योग्य 5 एकड़ से अधिक जमीन हो तो ऐसे किसानों को कृषि यंत्र की कीमत का 40 प्रतिशत अथवा निर्धारित अधिकतम अनुदान राशि से जो भी कम होगी। वह अनुदान स्वरुप दी जाएगी।