कृषि, मत्स्य व पशुपालन संबंधित आवश्यक गतिविधियों को लेकर नई हिदायतों जारी
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा 24 मई प्रात: पांच बजे तक लागू किया गया है। सरकार द्वारा कृषि, मत्स्य व पशुपालन संबंधित गतिविधियों को लेकर आवश्यक नई हिदायतों जारी की गई है।
उपायुक्त ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा संचालित मंडियां व कृषि उत्पादों की खरीद में लगी एजेंसियां बिना किसी प्रतिबंध के काम करेंगी। उन्होंने बताया कि कृषि व बागवानी संबंधित गतिविधियां जिनमें खेत में किसानों व खेत श्रमिकों द्वारा कृषि संबंधी कार्य, मंडियों में कृषि उत्पादों की खरीद में लगी एजेंसियां, एमएसपी संचालन सहित आदि गतिविधियां जारी रहेगी। कृषि उपज मंडी समिति द्वारा मंडियों में गतिविधियां या कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा सैटेलाइट मंडियां, राज्य सरकार या उद्योगों द्वारा सीधे किसानों/किसान समूहों, एफपीओ या कॉपरेटिव से प्रत्यक्ष तौर पर विपणन के लिए संबंधित विभाग ग्राम स्तर पर विपणन व खरीद को बढावा देंगे।
इसके अलावा कृषि मशीनरी, उनके पार्टस व मुरम्मत की दुकानें, कृषि मशीनरी से संबंधित कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जा सकेंगे। इसके अलावा उर्वरकों, कीटनाशकों और बीजों का विनिर्माण, वितरण और खुदरा संबंधी गतिविधियां, कटाई और बुवाई से संबंधित मशीनों जैसे कंबाइन हार्वेस्टर व अन्य कृषि एवं बागवानी संबंधी मशीनरी की अंतर और राज्य के भीतर गतिविधियां जारी रहेगी।
साथ ही मत्स्य पालन में मछली पकडऩे / जलीय कृषि उद्योग का संचालन जिसमें भोजन और रखरखाव, हारवेस्टिंग, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, कोल्ड चेन, बिक्री व मार्केटिंग शामिल है। इसके साथ-साथ हैचरी, फीड प्लांट, वाणिज्यिक मछलीघर, मछली/झींगा और मछली उत्पादों, मछली बीज/चारा और श्रमिकों की आवाजाही सभी गतिविधियां जारी रहेगी। सरकार द्वारा पशुपालन संबंधित विभिन्न गतिविधियां को भी जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं जिनमें दूध प्रसंस्करण संयंत्रों द्वारा दूध और दूध उत्पादों का संग्रह, प्रसंस्करण, वितरण और बिक्री आदि के लिए परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला, पोल्ट्री फार्म और हैचरी सहित पशुपालन फार्मों का संचालन, मक्का और सोया जैसे कच्चे माल की आपूर्ति सहित पशुचारा निर्माण तथा गौशालाओं सहित पशु आश्रय गृहों का संचालन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि आदेशों की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 51 से 60 तथा आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।