*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

किसान नंदराम व रमेश ड्रिप सिंचाई प्रणाली अपना कर बेहतर उत्पादन के साथ-साथ दूसरे किसानों को भी कर रहे हैं प्रेरित

सिरसा, 27 जून।

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किसान फसल विविधीकरण के साथ-साथ अन्य साधनों के माध्यम से भी अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं, इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं क्रियांवित की गई है। बागवानी विभाग द्वारा भी समय-समय पर किसानों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी के साथ-साथ उत्पादन को बढ़ाने तथा गुणवत्ता के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाती है। गांव स्तर पर विभिन्न माध्यमों से न केवल किसानों को फसलों के बारे में जागरूक किया जाता है बल्कि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए भी अवगत करवाया जाता है। कम पानी में बेहतर उत्पादन लेने के लिए फसलों के चयन के साथ-साथ ड्रिप प्रणाली अपनाने के बारे में भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिला में कई किसान विभाग की योजनाओं का लाभ लेते हुए बागवानी और सब्जियों की खेती को अपना कर न केवल बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं बल्कि दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।


खंड डबवाली के गांव चौटाला के किसान नंदराम ने अपनी साढ़े छह एकड़ भूमि पर किन्नू का बाग लगाया हुआ है और सब्जियों की भी खेती करता है। सब्जी की खेती में सिंचाई के लिए इनलाइन ड्रिप विधि का प्रयोग करते हैं, जिससे तीन से चार गुना जल की बचत भी होती है। किसान पूरे खेत में घुलनशील खाद डालते हैं और ड्रिप विधि द्वारा सिंचाई करते हैं। किसान ने अपने खेत में सोलर सिस्टम भी लगा रखे हैं। इस साल किसान ने पूरे खेत में ड्रिप से सिंचाई तकनीक का प्रयोग करते हुए तरबूज व खरबूजे की कास्त की तथा पानी की बचत के साथ-साथ अच्छी तीन से चार गुणा फसल उत्पादन भी बढ़ा है और मुनाफा भी हुआ है। किसान जल संरक्षण के साथ-साथ बारिश के पानी भी को भी स्टोर करके उस पानी का सिंचाई में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा किसान बरसाती पानी को डिग्गी में स्टोर करके उसका भी खेती में उपयोग करता है। किसान नंदराम ने बताया कि पहले नरमा व गेहूं की परंपरागत खेती करते थे, लेकिन जब से उसने बागवानी को अपनाया है तब से जल की बचत के साथ-साथ उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए हम सबको आगे आकर अपना संपूर्ण योगदान देना चाहिए ताकि गिरते भूजल स्तर को बचाया जा सके।

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इसी प्रकार खंड सिरसा के गांव भरोखां के किसान रमेश ने अपनी दो एकड़ भूमि में अमरूद का बाग लगाया हुआ है। किसान रमेश ने बताया कि वह बारिश के जल को भी अपने खेत में बनाई हुई पानी की डिग्गी में स्टोर करता हैं तथा सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के माध्यम से जल का उपयोग करता हैं। इसके अलावा सौर ऊर्जा के माध्यम से भी सूक्ष्म सिंचाई की जाती हैं और भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए स्वयं द्वारा बनाई गई केंचुआ खाद का उपयोग करते हैं। किसान का कहना है कि सूक्ष्म सिंचाई से तीन से चार गुण जल की बचत होती है तथा समय के साथ-साथ मेहनत भी कम लगती है।
किसान नंदराम व रमेश का कहना है कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा जिला उद्यान विभाग द्वारा किसानों के कल्याण के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई है। किसान भाइयों को चाहिए कि वे इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। कृषि विशेषज्ञों की राय से यदि खेती की जाए तो जल का भी संरक्षण होगा और फसल उत्पादन भी अधिक होगा।