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किसानों से संवाद कर पराली प्रबंधन के लिए करें प्रेरित : उपायुक्त

सिरसा, 3 नवंबर।


उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ किए गए कार्य में हमेशा सफलता मिलती है। इसी सोच के साथ हमें जिला में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में कार्य करना होगा। किसानों के साथ संवाद कर उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसान व इसके प्रबंधन से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक करें।

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उपायुक्त मंगलवार को स्थानीय पंचायत भवन में पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी के लिए लगाए गए नोडल अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में एसडीएम जयवीर यादव, एसडीएम ऐलनाबाद दिलबाग सिंह, एसडीएम कालांवाली निर्मल नागर, एसडीएम डबवाली अश्वनी कुमार, डीडीए बाबू लाल, सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक में प्रगतिशील किसान रणजीत सिंह ने पराली प्रबंधन को लेकर अपने अनुभव सभी के साथ सांझा किए और दूसरे किसानों को भी पराली प्रबंधन के लिए अपना संदेश दिया। बैठक उपरांत उपायुक्त ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की  जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वैन गांव-गांव जाकर लोगों को पराली न जलाने बारे जागरूक करेंगी और किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे कृषि उपकरणों के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करेगी।


उपायुक्त ने कहा कि सिरसा के लोग सहयोगी प्रवृति के हैं। प्रदेश या केंद्र सरकार का सामाजिक सरोकार से जुड़ा कोई भी अभियान रहा हो, वो अभियान सबसे पहले सिरसा जिला में ही सफल हुआ। जागरूकता के मामले में व प्रशासन का सहयोग करने में सिरसा के लोग हमेशा अग्रणी रहे हैं। इसलिए यदि किसानों के साथ संवादकर उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसान व इसके प्रबंधन के फायदों के बारे में बताया जाए तो वो स्वयं इसमें अपना सहयोग देंगे। उन्होंने उपस्थित नोडल अधिकारियों व अन्य संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे फिल्ड में जाकर किसानों के साथ संवाद करें। इस कार्य में संबंधित सरपंच का सहयोग लें। जो जिम्मेवारी उन्हें दी गई है, उसे पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ पूरा करें। जिला में पराली जलाने की कोई घटना न हो इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा, तभी इस दिशा में कामयाबी मिलेगी। हमारे लिए यह चुनौती है, इसे स्वीकार कर सकारात्मक सोच के साथ कार्य करते हुए आगे बढें।

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उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को लेकर माननीय उच्च न्यायालय पूरी तरह से सख्त है। इसके अलावा एनजीटी ने भी इस संबंध में कड़ा रूख अपनाया हुआ है। इसलिए जिस भी अधिकारी या कर्मचारी को जो जिम्मेवारी दी गई है, उसका गंभीरता के साथ निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि रेड जोन क्षेत्र में विशेष फोक्स रखा जाए। यदि हम यहीं से प्रभावी शुरूआत करेंगे, तो इसका दूसरे जोन में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाएं इस समय गंभीर विषय है। पराली जलाने से किसान का भी नुकसान होता है। पराली जलाने से जहां जमीन की उर्वरा शक्ति खत्म होती है, वहीं उसके कीट मित्र नष्ट हो जाते हैं। इसलिए किसानों को समय रहते जागरूक होना होगा और पराली प्रबंधन कर पर्यावरण सरंक्षण में सहयोगी की भूमिका निभानी होगी।


पनिहारी के किसान रणजीत ने पराली प्रबंधन के अनुभव किए सांझा :


जिला के गांव पनिहारी के प्रगतिशील किसान रणजीत सिंह ने बैठक में पराली प्रबंधन बारे अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने बताया कि वे अब तक सौ एकड़ के करीब एरिया में पराली का प्रबंधन कर चुके हैं। पराली प्रबंधन में उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई। जिस एरिया में पराली प्रबंधन किया, उसमें बिजाई में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आई, बल्कि बिजाई आसानी से हुई है। उन्होंने कहा कि वे स्ट्रा बेलर, सुपर सीडर आदि उपकरणों से पराली प्रबंधन का कार्य कर रहे हैं।