किसानों के हितार्थ की गई नई योजनाएं स्वागत योग्य- धनखड

प्ंाचकूला 24 फरवरी।
हरियाणा के कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के शुभारम्भ अवसर पर आज उतर प्रदेश गोरखपुर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बीज से बाजार तक, खेत से खलियान तक, किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं मंथन अभियान, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसली ऋण अदायगी अवधि एक वर्ष से बढाकर तीन से 5 वर्ष करने, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा एक लाख से बढाकर 1.60 लाख करने तथा किसान क्रेडिट कार्ड का दायरा पशुपालन एवं मत्स्यय पालन के लिए बढाने हेतू की गई घोषणाओं का स्वागत किया है।
श्री धनखड सैक्टर 3 स्थित ताऊ देवीलाल खेल परिसर के बहुउद्वेशिय हाल से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से आरम्भ की गई पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाईव प्रसारण देखने उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। एक प्रश्न के उतर में श्री धनखड ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक अच्छी शुरूआत की है। उन्होंने किसान को जोखिम पं्रबधन कर हर तरह सके समृद्व बनाने के प्रयास किए गए है। हर खेत जोखिम फ्री है। स्वामीनाथन आयोग के अनुसार फसल खराब होने पर कम से कम 10 हजार रुपए प्रति एकड़ किसानों को दिया जाए परंतु वर्तमान सरकार ने 12 हजार रुपए प्रति एकड देने का निर्णय लिया है जबकि पिछली कांग्रेस सरकार के समय 2600 से बढाकर 5400 रुपए ही किया गया था। एक अन्य प्रश्न के जवाब में श्री धनखड ने कहा कि कामधेनू आयोग का गठन व किसान क्रेडिट का दायरा पशु पालन व मत्स्य पालन के लिए बढाया जाना भी प्रधानमंत्री की एक अच्छी सोच को दर्शाता है। हरियाणा सरकार भी पशुधन के विकास के लिए नई योजनाएं बना रही है। ब्राजील, ईजराइल, न्यूजीलेंण्ड जैसे देशों के साथ मिलकर पशुधन नस्ल सुधार के कार्यक्रम तैयार किए गए है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा दुग्ध उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है। हम इसे पहले स्थान पर ले जाने का प्रयास कर रहे है। नीली क्रांति में भी हरियाणा अग्रणीय है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री होने के नाते मुझे इस बात की खुशी है कि आज प्रधानमंत्री के हाथों हरियाणा के सोनीपत जिले का एक किसान बलजीत भी किसान सम्मान निधि योजना के तहत सम्मानित हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी हरियाणा के तीन किसानों को पदमश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है। आाजदी के बाद पहली बार कृषि क्षेत्र में 12 पदम श्री पुरस्कार दिए जा रहे है जो किसानों के लिए गर्व की बात है।






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