Panjab University, Chandigarh developed AI model for identifying forged and real signatures- Copyright granted

किसानों की भलाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू

फसलों का सही ब्यौरा देकर जोखिम से बचने के लिए बीमा करवाएं किसान

रबी सीजन में गेहूं, सरसों, जौ, सुरजमुखी व चना की फसलें की गई अधिसूचित

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पंचकूला, 4 दिसंबर- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों की फसलों को विभिन्न आपदाओं से सुरक्षा देकर किसानों को आर्थिक आजादी दी जा रही है। फसलों को जोखिम मुक्त बनाने के लिए फसलों का बीमा करवाना जरूरी है। किसानों की भलाई के लिए ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई है।

उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। अधिक से अधिक किसान इस योजना से जुड़कर अपनी फसलों को बीमा रूपी सुरक्षा कवच पहनाऐं। उन्हांने बताया कि रबी सीजन में गेहूं, सरसों, जौ, सुरजमुखी व चना की फसलें अधिसूचित की गई है।

उन्हांने बताया कि ऋणी किसान बैकों में अपनी फसलों का सही ब्यौरा देकर अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं व गैर ऋणी किसान कॉमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से 31 दिसंबर तक अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। किसानों को गेहूं फसल के लिए 464.63 रुपये प्रति एकड़, सरसों फसल के लिए 311.85 रुपये प्रति एकड़, जौ फसल के लिए 296.10 रुपये प्रति एकड,़ सुरजमुखी की फसल के लिए 315 रुपये प्रति एकड़ तथा चना फसल के लिये 228.38 रुपये प्रति एकड के हिसाब से प्रीमियम देना होगा।

उपायुक्त ने बताया कि जो ऋणी किसान इस स्कीम का लाभ नही लेना चाहते वह इस स्कीम से ऑप्टआउट करने का आवेदन अपने बैक में जाकर कर दें सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसान स्थानीय आपदाओं, फसल कटाई प्रयोग, फसल कटाई के बाद में हुए नुकसान के सर्वे उपरांत 6 दिन के अन्दर-अन्दर अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। इसी तरह बीमा कम्पनी भी इस बारे केवल 4 दिन के अन्दर-अन्दर अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है।

उपायुक्त ने एग्रीकल्चर इन्सोरेंस कम्पनी के प्रतिनिधी को आदेश दिए कि फसल बीमा योजना की गाइडलाइन अनुसार अधिक से अधिक किसानों को इस स्कीम का लाभ देने के लिए बैकों में, मंडियों में तथा कृषि विभाग के कार्यालयों में बैनर लगा कर जागरूक करें। बीमा कम्पनी के प्रतिनिधी कृषि विभाग के सभी खण्ड में अपना कार्यालय खोलें, ताकि किसानों को इस स्कीम के लाभ बताए जा सकें तथा किसानों की स्कीम से सम्बन्धित समस्याओं का निपटान किया जा सकें। बीमा कम्पनी किसानों को स्कीम के लाभ बताते हुए कॉमन सर्विस सेन्टर में जाकर विशेष कार्यक्रम करते हुए अधिक से अधिक गैर ऋणी किसानों को पंजीकृत करवाए।

मोनिका गुप्ता ने बैकों को भी निर्देश दिए गए कि सभी बैक शाखा इस स्कीम की विशेषताएं बताते हुए बैनर लगाए। सभी बैक सभी ऋणी किसानों के फसल का नाम, गांव का नाम, फसल का क्षेत्रफल, जमाबन्दी तथा भूमि का रिकार्ड की सूचना ध्यानपूर्वक पोर्टल पर अपलोड करें। सभी बैकों को इन सभी कार्य हेतू अभी से ही अभ्यास करने के आदेश दिए गए है।

उन्होंने बताया कि ऋणी व गैर ऋणी किसानों के मामले में किसी प्रकार की गलती पाई जाती है तो उसके लिए सम्बन्धित बैक व कॉमन सर्विस सेन्टर स्वयं जिम्मेदार होगें। बीमा कम्पनी के प्रतिनिधी को आदेश दिए है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की नोटिफिकेशन व दिशा निर्देश की अनुपालना की जाए। किसानों के बीमित क्षेत्रफल की समय सीमा अनुसार जांच की जाए।

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