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किसानों की भलाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू – सुशील सारवान

-फसलों को जोखिम मुक्त बनाने के लिए फसलों का बीमा करवाना जरूरी

-गैर ऋणी किसान काॅमन सर्विस सैन्टर के माध्यम से 31 दिसंबर तक अपनी फसलों का करवा सकते हैं बीमा

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पंचकूला, 21 दिसंबर- उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि कृषि एंव किसान कल्याण विभाग द्वारा फसलों को जोखिम मुक्त बनाने के लिए फसलों का बीमा करवाना जरूरी है। किसानों की भलाई हेतू ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई है।

उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों की फसलों को विभिन्न आपदाओं से सुरक्षा देकर किसानों को आर्थिक आजादी दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों को आत्म निर्भर बनाने का संकल्प लिया है, अधिक से अधिक किसान इस योजना से जुड़कर अपनी फसलों को बीमा रूपी सुरक्षा कवच पहनाऐं। उन्होने बताया कि रबी सीजन में गेहूँ, सरसों, जौ, सुरजमुखी व चना की फसलें अधिसूचित की गई है। उन्होनंे बताया कि ऋणी किसान बैकों में अपनी फसलों का सही ब्यौरा देकर अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं व गैर ऋणी किसान काॅमन सर्विस सैन्टर के माध्यम से 31 दिसंबर तक अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं।

 उप निदेशक डा0 सुरेन्द्र सिंह यादव ने विस्तार से योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसानों को गेहूँ फसल के लिए 442.49 रुपये प्रति एकड़, सरसों फसल के लिए 297 रुपये प्रति एकड़, जौ फसल के लिए 282 रुपये प्रति एकड,़ सुरजमुखी की फसल के लिए 300 रुपये प्रति एकड़ तथा चना फसल के लिये 217.49 रुपये प्रति एकड के हिसाब से प्रीमियम देना होगा। उन्होंने बताया कि जो ऋणी किसान इस स्कीम का लाभ नही लेना चाहते वह इस स्कीम से आॅप्टआउट करने का आवेदन अपने बैक में जाकर कर दे सकते हैं।

उन्होने एग्रीकल्चर इन्सोरेंस कम्पनी के प्रतिनिधि को आदेश दिए कि फसल बीमा योजना की गाईडलाईन अनुसार अधिक से अधिक किसानों को इस स्कीम का लाभ देने के लिए बैकों में, मंडियों में तथा कृषि विभाग के कार्यालयों में बैनर लगा कर जागरूक करें। बीमा कम्पनी के प्रतिनिधी कृषि विभाग के सभी खण्ड में अपना कार्यालय खोलें ताकि किसानों को इस स्कीम के लाभ बताया जा सकें तथा किसानों को स्कीम से सम्बन्धित समस्याओं का निपटान किया जा सकें।
 उन्होनंे कहा कि बीमा कम्पनी किसानों को स्कीम के लाभ बताते हुए काॅमन सर्विस सैन्टर में जाकर विशेष कार्यक्रम करते हुए अधिक से अधिक गैर ऋणी किसानों को पंजीकृत करवाए। इसी प्रकार बैकों को भी निर्देश दिए गए कि सभी बैक शाखा इस स्कीम की विशेषताएं बताते हुए बैनर लगाए, सभी बैक सभी ऋणी किसानों के फसल का नाम, गांव का नाम, फसल का क्षेत्रफल, जमाबन्दी तथा भूमि का रिकार्ड की सूचना ध्यानपूर्वक पोर्टल पर अपलोड करें। सभी बैकों को इन सभी कार्य हेतू अभी से ही अभ्यास करने के आदेश दिए गए है। ऋणी व गैर ऋणी किसानों के मामले में किसी प्रकार की गलती पाई जाती है तो उसके लिए सम्बन्धित बैक व काॅमन सर्विस सैन्टर स्वयं जिम्मेदार होगें। बीमा कम्पनी के प्रतिनिधी को  आदेश दिए है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की नोटिफिकेशन व दिशा निर्देश की अनुपालना की जाए व किसानों के बीमित क्षेत्रफल की समय सीमा अनुसार जांच की जाए।

उन्होंने बताया कि किसान स्थानीय आपदाओं/फसल कटाई प्रयोग/फसल कटाई के बाद में हुए नुकसान के सर्वे उपरान्त 6 दिन के अन्दर-अन्दर अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हंै व इसी तरह बीमा कम्पनी भी इस बारे केवल 4 दिन के अन्दर-अन्दर अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है।

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