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कालका कालेज में पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का हुआ आयोजन 

नशा दिमाग व शरीर दोनो का दुश्मन-मलिक

निर्णायक मंडल में डाक्टर बिंदू और प्रोफेसर गीतांजलि ने निकिता को प्रथम, कोमल व अंजली को दिया द्वितिय स्थान 

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पंचकूला, 21 दिसंबर- श्रीमती अरुणा आसिफअली पीजी महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक की अध्यक्षता में महाविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे जागरुक करने के लिए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया।

इस अवसर पर प्राचार्या प्रोमिला मलिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शराब व अन्य नशों के सेवन से मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा असर पड़ सकता है। शराब का अनुचित सेवन न केवल शरीर के लिए बल्कि मस्तिष्क के क्रियाकलापों के लिए भी विषाक्त होता है और इस तरह शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ व्यक्ति पर भी अनुचित सेवन के लंबे समय तक रहने वाले प्रभाव से प्रतिकूल असर पड़ सकता है। शराब की लत अपराधिक अपराधों को भी बढ़ावा देती है जिसके अंतर्गत बच्चों के साथ दुर्व्यवहार घरेलू हिंसा, चोरी और हमले शामिल हैं। इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया तथा इसके द्वारा उन्हें अपनी सृजनशीलता प्रस्तुत करने का भी मौका मिला। प्रेरणादायक पोस्टर्स की सहायता से विद्यार्थियों ने शराब की लत जैसी गंभीर समस्या के ऊपर बड़ी ही खूबसूरती से प्रकाश डाला और शराब के सेवन से होने वाले नुक्सान को दर्शाया। साथ ही उन्होंने यह भी दर्शाया कि कैसे आज के युवा शराब के नशे से दूरी बना कर रख सकते हैं। प्राचार्या प्रोमिला मलिक ने भी विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाते हुए, उनके द्वारा बनाये गए पोस्टर्स की खूब सराहना की तथा उन्हें शराब जैसे जानलेवा नशे से दूर रहने को कहा। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत निर्णायक मंडल की भूमिका में प्रोफेसर डॉ. बिंदु तथा प्रोफेसर डॉ गीतांजलि रही। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का परिणाम इस प्रकार है। बी ए तीसरे वर्ष की छात्रा निकिता भाटिया प्रथम स्थान पर रहीं, बी ए प्रथम वर्ष की छात्रा कोमल तथा तीसरे वर्ष की छात्रा अंजली दूसरे स्थान पर रही और प्रथम वर्ष की छात्रा वंदना एवं तीसरे वर्ष की छात्रा वंशिका तीसरे स्थान पर रही। इस कार्यक्रम को सफल बनाने का श्रेय मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर नवनीत नैंसी को जाता है, जिनका मानना है कि ऐसे कार्यक्रमों द्वारा विद्यार्थियों की सृजनशीलता का विकास होता है साथ ही आज के युवा समाज में पनप रही त्रुटियों के बारे में जागरुक भी होते हैं।

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