जब महिलाएं बिना दबाव के निर्णय लेने में सक्षम होगी तभी वास्तव में सशक्त होंगी-राकेश कुमार आर्या

एसडीएम प्रतिदिन सरपंचों से मुलाकात कर कोविड-19 के बारे में करें जागरुक : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण

सिरसा, 16 सितंबर।


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने सभी उपमंडल अधिकारी (ना.) को निर्देश दिए हैं कि वे प्रतिदिन अपने-अपने क्षेत्रों में पांच से सात गांवों के सरपंचों से मिले और उनके संबधित गांवों कोविड-19 के तहत जारी हिदायतों की पालना में सुनिश्चित करने के लिए कहें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बारे में लोगों में जागरुकता पैदा करके ही इससे बचाव किया जा सकता है तथा बढ़ते संक्रमण पर रोक लगाई जा सकती है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के फैलाव के मद्देनजर आमजन को और अधिक गंभीरता व सजगता से बचाव उपाय अपनाने होंगे। उन्होंने कहा कि लोग कोरोना की गंभीरता को समझे और सख्ती से कोविड-19 के नियमों की अनुपालना करें।

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                उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि सभी एसडीएम अपने क्षेत्र के सरपंचों से मिलें तथा निरंतर संवाद करें और गांवों में लोगों को कोविड के नियमों की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए कहें क्योंकि सरपंच गांव का मौजिज व्यक्ति होता है जिसकी बात का ग्रामीणों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरपंचों के माध्यम से ही हर गांव में हर घर को कोविड से बचाव के बारे में जागरुक किया जा सकता है। इसके साथ-साथ ग्रामीणों को मास्क लगाने के लिए समझाते हुए सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए भी जागरुक करें। सरपंच लगातार गांव में मुनादी या बैठक कर ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण के फैलाव की गंभीरता के बारे में बताएं और कहें कि छोटी सी लापरवाही गंभीर रुप धारण कर सकती है। विशेषकर गांव के बुजुर्गों व महिलाओं को कोरोना से बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दें।

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शुरुआती लक्षण दिखने पर ही ग्रामीणों को जांच के लिए जागरुक करें सरपंच : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण


                उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि आमजन कोरोना से डरें नहीं बल्कि शुरुआती लक्षण दिखने पर ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करवाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित के गंभीर मरीजों को ही उपचार के लिए सामान्य अस्पताल में दाखिल किया जाता है और मामला गंभीर न होने की स्थिति में उस व्यक्ति को होम क्वारंटाइन कर घर पर ही स्वास्थ्य व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने सरपंचों से कहा कि ग्रामीणों को कहें कि वे प्रारंभिक लक्षण दिखने पर ही अपनी जांच करवाएं। यदि समय पर उपचार करवा लिया जाए तो मृत्यु दर कम होने के साथ-साथ संक्रमण का फैलाव भी नहीं होगा। उन्होंने कहा गांव में कोरोना लक्षण वाले लोगों की सैंपलिंग करवाने में सरपंच सहयोग करें। इसके अलावा सैंपलिंग जांच कर रही मोबाइल टीमों के जांच कार्य में बाधा डालने वाले नागरिकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।