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उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने 3 मई को अक्ष्य तृतीय के पवित्र दिन जिला में सामूहिक बाल विवाह को रोकने के लिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के दियेे निर्देश

-नाबालिग लड़की से शादी करने वाले 18 साल से अधिक उम्र के पुरूष को 2 साल तक की कड़ी कैद या 1 लाख रूपए तक का हो सकता है जुर्माना-डीसी

– अपने क्षेत्र में बाल विवाह की जानकारी होने पर तुरंत चाईल्ड हैल्पलाईन नंबर 1098, पुलिस हैल्प लाईन नंबर 112 और महिला एवं बाल विकास विभाग के हैल्प लाईन नंबर 181 पर करें संपर्क-डीसी

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पंचकूला, 25 अप्रैल- उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने 3 मई को अक्ष्य तृतीय के पवित्र दिन जिला में सामूहिक बाल विवाह को रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को इस संबंध में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नाबालिग लड़की से शादी करने वाले 18 साल से अधिक उम्र के पुरूष को 2 साल तक की कड़ी कैद या 1 लाख रूपए तक का जुर्माना हो सकता है।
उपायुक्त ने यह निर्देश आज लघु सचिवालय के सभगार में अक्ष्य तृतीय के दिन होने वाले संभावित सामूहिक बाल विवाह को रोकने के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिये।


उन्होंने कहा कि अक्ष्य तृतीय के पवित्र दिन अनेक धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और इस दिन सामूहिक बाल विवाह के आयोजनों की भी संभावना होती है। उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह करना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढावा देता है या उसकी सहायता करता है, को 2 साल तक की कड़ी कैद या 1 लाख रूपए तक का जुर्माना हो सकता है।


उपायुक्त ने अपील की कि यदि किसी भी जिलावासी के आस-पास के क्षेत्र में बाल विवाह का आयोजन करवाया जा रहा है तो वे तुरंत इसकी सूचना चाईल्ड हैल्पलाईन नंबर 1098, पुलिस हैल्प लाईन नंबर 112 और महिला एवं बाल विकास हैल्प लाईन नंबर 181 पर दें ताकि बाल विवाह को रुकवाया जा सके।


उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिये कि वे ग्राम और ब्लाॅक स्तर के साथ-साथ शहरी और वार्ड स्तर व जिला व तहसील स्तर पर स्कूलों, झुग्गी-झोंपड़ियों व लेबर काॅलोनियों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करके लोगों को बाल विवाह न करने के बारे में प्रेरित करें। इसके अलावा पढाई छोड़ने वाले स्कूली बच्चों की एक सूची तैयार करके उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा बच्चों व लोगों को बाल विवाह से शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी जागरूक किया जाए। उन्होंने बताया कि बाल विवाह से जहां बच्चों के स्वास्थ्य व पौषण पर बुरा असर पड़ता है वहीं बच्चों के उत्पीड़न व शोषण को भी बढावा मिलता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह से बच्चों की शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर समाप्त होते हैं और मातृत्व मृत्यु दर में बढोतरी होती है।

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महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला संरक्षण एवं बाल विवाह प्रतिशेध अधिकारी सोनिया सब्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा बाल विवाह के विरूद्ध लोगों को जागरूक किया जाता है। यदि फिर भी कोई बाल विवाह करवाता है या उसमें सहायता करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाती है।  


बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी सविता नेहरा, जिला समाज कल्याण अधिकारी भगत सिंह, जिला रेडक्रास सोसायटी की सचिव सविता अग्रवाल व अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।