उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत गठित जिला टास्क फोर्स की बैठक *की, करी अध्यक्षता
-ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव के दृष्टिगत पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों और उनकी रोकथाम को लेकर की गई चर्चा
-पंचकूला का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इनडेक्स) दूसरे जिलों के मुकाबले बेहतर है, फिर भी इस दिशा में किये जाये और प्रयास-उपायुक्त
-शहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक को चंडीमंदिर टोल प्लाजा पर स्क्रीन के माध्यम से दर्शाया जायेगा
पंचकूला, 14 फरवरी- उपायुक्त श्री महावीर कौशिक की अध्यक्षता में आज जिला सचिवालय के सभागार में जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत गठित जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक में ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव के दृष्टिगत पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों और उनकी रोकथाम को लेकर चर्चा की गई।
बैठक में बताया गया कि ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये केंद्र सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरूआत की गई है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने कहा कि पंचकूला का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इनडेक्स) दूसरे जिलों के मुकाबले बेहतर है, फिर भी इस दिशा में और कार्य करने की आवश्यकता हैं ताकि ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव से उत्पन्न होने वाले दुष्प्रभावों से लोगों को बचाया जा सके।
जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत गठित जिला टास्क फोर्स का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों के साथ नियमित रूप से डाटा सांझा करके स्वास्थ्य जोखिमों के प्रबंधन के प्रयासों के समन्वय के लिये सहयोगी तंत्र विकसित करना है। बैठक में बताया गया कि जलवायु परिवर्तन के कारण लोगों में मुख्यत संास से संबंधित व दूषित जल से होने वाली अन्य बीमारियों का खतरा बढ रहा हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिये सभी संबंधित विभाग जैसे जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, नगर निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, वन, शिक्षा, परिवहन, कृषि अपने-अपने स्तर पर कार्य योजना तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को प्रस्तुत करेंगें ताकि इन बीमारियों की रोकथाम के लिये योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा सके।
बैठक में बताया गया कि इस कार्यक्रम के तहत सभी संबंधित विभागों द्वारा जलवायु संवेदनशील बीमारियों की रिस्क मैपिंग करवाई जायेगी और विभिन्न बीमारियों का एक डाटा बेस भी तैयार किया जायेगा। इसके अलावा डाॅक्टरों तथा पैरा मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जायेगा। लोगों को जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूक करने के लिये जगह-जगह पर होर्डिंग्स लगाये जायेंगे। इसके अलावा बहुत कम और बहुत अधिक तापमान वाले क्षेत्रों की पहचान की जायेंगी और पौधारोपण की गतिविधियां बढ़ाई जायेंगी।
बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पंचकूला के मुख्यालय में स्थापित मशीन के माध्यम से शहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक को चंडीमंदिर टोल प्लाजा पर स्क्रीन के माध्यम से दर्शाया जायेगा। इसके लिये आवश्यक स्वीकृति लें ली गई हैं। इसके अलावा शहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक को नगर निगम के होर्डिंग्स पर आॅन लाईन माध्यम से दर्शाने की योजना हैं ताकि जिलावासी शहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक से परिचत रहे। इसके लिये नगर निगम से बातचीत की जा रही है।
बैठक में एसडीएम ऋचा राठी, बीडीपीओ मारर्टिना महाजन, सीएमओ डाॅ मुक्ता कुमार, एसीपी राजकुमार, प्रदूषणा नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी वीरेंद्र पूनिया, जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ संदीप, डाॅ विकास गुप्ता, डाॅ राजीव नरवाल, डीपीओ सविता नेहरा सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।