उपायुक्त ने पशुओं के प्रति अत्याचार को रोकने के लिए एसपीसीए निवारण समिति व पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित दूसरी बैठक की करी अध्यक्षता
-पशु कु्ररता को रोकने के लिए व घायल पशुओं को इलाज के लिए एसपीसीए को नगर निगम से समन्वय स्थापित करके सुखदर्शनपुर गौशाला में शिफ्ट करने के दिए निर्देश
पंचकूला, 26 सितंबर- उपायुक्त श्री सुशील सारवान की अध्यक्षता में पशुओं के विरूद्ध क्रुरता के निवारण के लिए लघु सचिवालय के सभागार में पशुओं के प्रति अत्याचार को रोकने के लिए एसपीसीए निवारण समिति व पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ दूसरी बैठक आयोजित हुई। बैठक में उपायुक्त ने पशु कु्ररता को रोकने के लिए व घायल पशुओं के इलाज के लिए एसपीसीए को नगर निगम से समन्वय स्थापित करके पशुओं को सुखदर्शनपुर गउशाला में शिफ्ट करने और पशुओं पर अत्याचार करने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाही करने के निर्देश दिए।
बैठक में पशु पालन विभाग के उप निदेशक एवं एसपीसीए के सचिव डाॅ रंजीत सिंह ने उपायुक्त को एजेंडे के अनुसार विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पशुओं के विरूद्ध अत्याचार को रोकने के लिए एसपीसीए एक समिति बनाई गई है। इस समिति का कार्य जिले में पशुओं के विरूद्ध अत्याचार को रोकना है। उन्होंने बताया कि उपायुक्त के निर्देशानुसार जिला में पशुओं के प्रति अत्याचार को रोकने के लिए ये कमेटी लगातार कार्य कर रही है। डाॅ रंजीत सिंह ने बताया कि इस कमेटी के कार्य को सफतापूर्वक चलाने के लिए कमेटी को मैन पावर ,बीमार व घायल पशुओं के लिए दवाइयों की खरीद की विशेष रूप से आवश्यकता है इस पर उपायुक्त ने सभी मांगे तुरंत पूरा करने का आश्वासन दिया।
उपायुक्त ने पशुओं के प्रति क्रुरता को रोकने के लिए घोडा गाडी स्टेंड पर साईन बोर्ड के माध्यम से जागरूकता के निर्देश दिए ताकि घोडा गाडी के मालिको और अन्य लोगों को इसके बारे में स्टीक जानकारी प्राप्त हो सके।
उपायुक्त ने रेहड़ा स्टेंड पर और घोडा गाडी मालिकों को ओवर लोड सामाान ना लादने की अपील की । उन्होंने एसीपी को ओवर लोड घोडा गाडी व अन्य पशु द्वारा चालित गाडियों के ओवर लोड पाए जाने पर सख्त कार्रवाही के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त वर्षा खांनगवाल, एसीपी सुरेंद्र यादव, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त डाॅ ऋचा राठी, जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी संध्या, कालका नगर निगम ईओ रविंद्र सिंह, जिला वन अधिकारी राजेंद्र राघव तथा अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।