नशे के विरुद्ध व्याख्यान- आओ मिलकर करें इस समस्या का समाधान

उपायुक्त ने नशीले पदार्थों के उपयोग की रोकथाम के लिये गठित जिला स्तरीय एनकोर्ड कमेटी की आयोजित बैठक की करी अध्यक्षता

पुलिस विभाग के अधिकारियों से शिकायतों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट हर सप्ताह प्रस्तुत करने के दिये निर्देश

स्कूल और काॅलेज के पास पुलिस की पैट्रोलिंग कर सख्त चैकिंग के दिये निर्देश

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पंचकूला, 12 दिसंबर- उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने लघु सचिवालय के सभागार में नशीले पदार्थों के उपयोग की रोकथाम के लिये जिला स्तरीय एनकोर्ड कमेटी की आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उपायुक्त ने नशे के विरूद्ध शैक्षणिक संस्थानों, खेल विभाग को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए ताकि बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक किया जा सके। उपायुक्त ने पुलिस को ड्रग्स बेचने वालों पर ज्यादा से ज्यादा छापेमारी कर पकड़ने के निर्देश दिए।

उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित सभी शिक्षण संस्थानों व अन्य अधिकारियों से जिले में ड्रग्स का सेवन रोकने के सुझाव मांगे और एंटी ड्रग्स कमेटी प्रत्येक शिक्षण संस्थान में बनाने के निर्देश दिए। उन्होने सभी शिक्षण संस्थानों के मुखिया से ड्रग्स बेचने व लेने की कोई भी शिकायत सीधे तौर पर मुझे दें या फिर पुलिस उपायुक्त को मिलकर दे ताकि ड्रग्स बेचने वालों के खिलाफ सख्त कारवाई अमल में लाई  जा सके। उन्होने सभी को अपने अपने शिक्षण संस्थानों में ड्रग्स के दुष्प्रभाव में बारे में जागरूकता शिविर व नुक्कड नाटक या सेमिनार के माध्यम से विद्याार्थियों को जागरूक करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने निर्देश दिये कि पुलिस विभाग द्वारा शुरू किए गए टोलफ्री नंबर 7087081100 पर मादक पदार्थों की तस्करी और उपयोग से संबंधित शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए और मादक पदार्थों को जब्त करने के साथ-साथ इस अवैध धंधे में संलिप्त लोगों को पकड़ कर उनके खिलाफ सख्त  कार्रवाई की जाए। उन्होंने इसकी रिपोर्ट हर सप्ताह प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि पुलिस द्वारा जिला में ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाए जहां नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री की संभावना है। उन्होंने कहा कि हम सभी को नशा करने वाले के अलावा नशा बेचने वाले तक पहुंचने से ही नशे का सेवन रोका जा सकता है। उन्होने पुलिस व शिक्षण संस्थान को अपनी इंटैलिजैंस को बढाकर नशा करने वाले से नशा कहां से मिला है इसका पता लगाना बेहद जरूरी है। उन्होने बताया कि  एनकोड कमेटी का मुख्य उद्देश्य जिला में नशाखोरी को पूर्णतः रोक कर जिलावासियों को नशे से बचाना है।

उपायुक्त ने डीसीपी पंचकूला को स्कूल व काॅलेज के पास पैट्रोलिंग बढ़ाने व आस पास समान बेचने वाले वैंडरों की भी चैकिंग करने के निर्देश दिये ताकि स्कूल व काॅलेज के पास नशे को रोका जा सके और युवाओं को नशे की लत से बचाया जा सके।

उन्होंने निर्देश दिये कि दूसरे प्रदेशों से नशीले पदार्थों की सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए पंजाब और हिमाचल के बाॅर्डर से लगते जिला के क्षेत्रों में पुलिस विभाग द्वारा नाके लगा कर विशेष चैकिंग अभियान चलाया जाए। इसके अलावा हिमाचल और पंजाब पुलिस व मुखबीरों के माध्यम से निरंतर संपर्क स्थापित किया जाए ताकि नशा बेचने वालों पर सूचना मिलते ही कारवाई हो सके।

एसीपी आशिष कुमार ने जिला में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों व की गई छापेमारी के बारे में उपायुक्त को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि टोलफ्री हैल्पलाईन नंबर पर मादक पदार्थों की बिक्री और उपयोग के संबंध में शिकायत प्राप्त होते ही पुलिस द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाती है और नशा बेचने वालों को पकड़ा जाता हैं।

ड्रग कंट्रोलर ने उपायुक्त को बताया कि उन्होंने 44 दवाईयों की रिटेल दुकानों को चैक किया और 90 हाॅलसैल दवाईयों की दुकानों को चैक किया गया। दिसंबर माह में सिर्फ एक दुकान में कुछ दवाइयां मिली, जिसके खिलाफ सख्त कार्रवाही की गई।

इस अवसर पर एसडीएम पंचकूला गौरव चैहान, एसडीएम कालका राजेश पुनिया, नगराधीश विश्वनाथ, जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक, आईटीआई पंचकूला के प्रिंसीपल मनदीप बेनीवाल, ड्रग कंट्रोलर प्रवीण कुमार, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सैक्टर 1, सैक्टर 14 और विभिन्न शिक्षण संस्थानों व एनजीओ के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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