निपुण पंचकूला मिशन के अंतर्गत जिले के 275 राजकीय विद्यालयों में हुआ ‘संवाद’ पी०टी०एम० का आयोजन

उपायुक्त ने खेतों में जाकर की मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड विवरण की समीक्षा

सिरसा, 18 सितंबर।

उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने गांव मल्लेकां के खेतों का किया दौरा, अधिकारियों से ली पोर्टल पर अपलोड विवरण बारे ली विस्तृत जानकारी


                      उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने शुक्रवार को खेतों में जाकर मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड विवरण की समीक्षा की। इसके लिए उन्होंने गांव मल्लेकां के खेतों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मौके पर ही संबंधित विभागों के अधिकारियों से अपलोड विवरण बारे विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर डीआरओ विजेंद्र भारद्वाज, गांव के सरपंच, पूर्व सरपंच सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।


For Detailed News-

                      उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा योजना प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जोकि सीधे तौर पर किसानों के हितार्थ से जुड़ी हुई है। संंबंधित अधिकारी आपसी तालमेल के साथ कार्य करें, ताकि पोर्टल पर सही विवरण अपलोड हो। उन्होंने हरसैक, कृषि व राजस्व विभाग के अधिकारियों से मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड विवरण के संबंध में दिशा-निर्देश दिए।


                      उपायुक्त ने कहा कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसानों के लिए फसलों का विवरण अपलोड करवाना अनिवार्य है। पोर्टल पर पंजीकृत किसान की फसल को मंडी में प्राथमिकता के आधार पर खरीदा जाएगा। किसानों की सुविधा के लिए पहले जहां इस पर रजिस्ट्रेशन की तिथि 30 अगस्त की गई, वहीं बाद में इसे बढाते हुए 7 सितंबर किया गया। इस योजना का दूसरा अहम पहलू यह भी है कि पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाता है तथा अनुदान पर कृषि यंत्रों का लाभ भी पंजीकृत किसान को ही मिलता है। इसलिए किसान को चाहिए कि वे अपनी फसल का विवरण मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अवश्य दर्ज करवाए।

https://propertyliquid.com


किसान अवशेष न जलाएंं, इसे आय का जरिया बनाएं :


                      उपायुक्त ने इस दौरान किसानों से कहा कि वे फसल अवशेषों को जलाने की बजाए इसे आय का जरिया बनाएं। उन्होंने कहा कि फसल के अवशेष जलाने से जहां भूमि की उर्वरा शक्ति खत्म होती है, वहीं पर्यावरण दूषित होता है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सरकार अनुदान पर कृषि संयंत्र उपलब्ध करवा रही है, जिनका इस्तेमाल कर धान की पराली का उचित प्रबंधन किसान कर सकता है। उन्होंने कहा कि पराली का रोल बनाकर या इसकी खेतों में गुड़ाई कर आदि माध्यमों से पराली से आय अर्जित की जा सकती है। किसान फसलों को न जलाकर पर्यावरण सरंक्षण में सहयोगी बनें और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय में बढ़ोतरी की दिशा में आगे बढ़ें।