उपायुक्त एवं जिला बाल संरक्षण ईकाई के चैयरमेन की अध्यक्षता में बाल कल्याण समिति की हुई तिमाही बैठक
संयुक्त टीम बनाकर बाल श्रम व भीख मांगने जैसे अपराध को रोकने के लिए करें छापेमारी-श्री सारवान
पंचकूला, 2 फरवरी उपायुक्त एवं जिला बाल संरक्षण ईकाई के चैयरमेन श्री सुशील सारवान की अध्यक्षता में बाल कल्याण समिति की तिमाही समीक्षा बैठक हुई। उपायुक्त ने बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों को रेड करके जिले से बाल श्रम व बच्चों से भीख मंगवाने जैसी बुराई को दूर करने के निर्देश दिए।
बाल कल्याण समिति की चैयरपर्सन ममता गोयल ने उपायुक्त को तीन माह में बच्चों की देखभाल व सुरक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में 43 केसों पर चर्चा की गई। चैयरपर्सन ने बताया कि 43 केसों में से कोई लंबित केस नहीं है। उन्होने बताया कि बाल कल्याण समिति लावारिस व अनाथ बच्चों को मदद करने का कार्य करती है। उपायुक्त ने चैयरपर्सन को कमेटी गठित करके पुलिस व अन्य विभागों से तालमेल कर जिले से बाल मजदूरी, भीख मांगने जैसी बुराईयों को रेड करके दूर करने के निर्देश दिए।
श्री सारवान ने जिला में बाल श्रम के मामलों को रोकने के लिए बाल कल्याण समिति को निर्देश दिये कि वे अपने स्तर पर भी ऐसे स्थानों का औचक निरीक्षण करें जहां बच्चों से बाल श्रम करवाया जा रहा हो। उन्होंने निर्देश दिये कि विभिन्न स्थानों पर संयुक्त टीम बनाकर छापेमारी कर बाल मजदूरी में संलिप्त बच्चों को छुडवाया जाये और बच्चों से जबरन मजूदरी करवाने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाही की जायें।
उन्होनंे निर्देश दिये कि एक संयुक्त टीम बनाकर और पुलिस के साथ छापेमारी करें ताकि बच्चों से जबरन काम करवाने वाले गिरोह को पकड़कर, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाही की जाये ताकि ऐसे लोगों को एक कड़ा संदेश जाये। इसके अलावा बाल श्रम के साथ-साथ भीख मांगने वाले स्थानों पर भी छापेमारी करें तथा इसमें संलिप्त बच्चों को ऐसा न करने के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि बाल श्रम के साथ-साथ चाईल्ड बैगिंग (बच्चों द्वारा भीख मांगना) भी अपराध की श्रेणी में आता है।
इस अवसर पर डीपीओ डा. सविता नेहरा, बाल कल्याण समिति की सदस्य रजनीश भोंसले, आशा सेठी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्रीमति शशी, कानून एवं प्रवेक्षण अधिकारी निधि मलिक, प्रोटैक्शन आफिसर भारती सहित अन्य अधिकराारी व कर्मचारी मोजूद थे।