उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मुकेश कुमार आहूजा को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 01-कालका व 02-पंचकूला विधानसभा क्षेत्रों के जोनल मैजिस्ट्रेटों, सैक्टर अधिकारियों, पीठासीन अधिकारियों व सहायक पीठासीन अधिकारियों व वैकल्पिक पीठासीन अधिकारियों की पायलेट रिहर्सल को संबोधित करते हुए।
पंचकूला, 1 अक्टूबर- उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मुकेश कुमार आहूजा ने कहा कि आज के दौर में टैक्नालोजी मे निरंतर नवीनता आ रही है और चुनाव संपन्न करवाने में लगे सभी पीठासीन अधिकारी व सहायक पीठासीन अधिकारी समय और स्थिति के अनुसार प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं को आधुनिक टैक्नालोजी के अनुसार ढालें। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी आपसी समनवयता से एक टीम की भावना से कार्य करें। उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीन की प्रक्रिया को अच्छी तरह से जान लें क्योंकि चुनाव के दौरान उन्हें पूरी जिम्मेदारी से काम करना होगा। अपनी सभी शंकाएं अपने प्रशिक्षक से भलि-भांति दूर कर लें। उन्होंने कहा कि ईवीएम को हैंडल करने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण की जरूरत है।
श्री आहूजा को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 01-कालका व 02-पंचकूला विधानसभा क्षेत्रों के जोनल मैजिस्ट्रेटों, सैक्टर अधिकारियों, पीठासीन अधिकारियों व सहायक पीठासीन अधिकारियों व वैकल्पिक पीठासीन अधिकारियों की पायलेट रिहर्सल के दौरान संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पीठासीन अधिकारी के पास भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से आपार शक्तियां होती हैं और इन्हीं शक्तियों के बेहतर ढंग से प्रयोग करते हुए उन्हें निष्पक्ष ढंग से चुनाव को संपन्न करवाना है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों अनुसार विधानसभा चुनाव को संपन्न करवाना सुनिश्चित करें। सभी अधिकारी व कर्मचारी आयोग द्वारा जारी हिदायतों की हैंडबुक को ध्यान पूर्वक पढ़ें, ताकि मतदान के दौरान किसी भी प्रकार का संदेह न रहे।
उन्होंने कहा कि हमें चुनाव की प्रत्येक बारीकि को गंभीरता से समझना होगा। पीठासीन अधिकारियों के लिए तैयार की गई पुस्तिका को बेहतर ढंग से पढना है और उसमें जितने भी नियम, प्रोफोर्मा व अन्य निर्देश दिए गए हैं उन्हें क्रमशः लागू करना है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पीठासीन अधिकारी व सहायक पीठासीन अधिकारी ईवीएम मशीनों का बारीकी से प्रशिक्षण ले। उनमें आने वाली किसी भी कमी के बारे में भी जानकारी लें ताकि समय पर स्थिति को बेहतर ढंग से संभाला जा सके। उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीनें प्राप्त करने से लेकर मतदान केंद्र पर जाकर मतदाता बूथ स्थापित करने, सुबह के समय मॉक पोल करवाने, मशीनों को ठीक ढंग से सील करने, बैटरी चैक करने, शाम को छह बजे जब मतदान खत्म हो तो सबसे अंतिम व्यक्ति को पर्ची देने और प्रत्येक मतदाता के मतदान करने के बाद ठीक ढंग से मशीन सील करने, मशीनें सील करने के पश्चात इन मशीनों को जहां से प्राप्त किया है वहां जमा करवाने तक की जिम्मेदारी को बेहतर ढंग से निभाना है।
उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारी को अपनी मतदान टीम का कुशल नेतृत्व करते हुए मतदान प्रक्रिया को शांति पूर्वक संपन्न करवाना है। मतदान के दौरान चुनाव डयूटी पर तैनात सभी अधिकारी संयम से कार्य करें। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के तीन चरण होते हैं। प्रथम चरण मतदान से पूर्व, द्वितीय चरण मतदान तथा तृतीय चरण के अंतर्गत मतदान संपन्न होने के बाद की जाने वाली गतिविधियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मतदान पार्टियों को मतदान से एक दिन पूर्व अपने मतदान केंद्र पर मतदान सामग्री के साथ पहुंचना होता है, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा मतदान पार्टियों को वाहन उपलब्ध करवाए जाएंगे। कोई भी मतदान पार्टी का सदस्य मतदान सामग्री को निजी वाहन में मतदान केंद्र नही ले जा सकता। ऐसा करने वाले अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने का प्रावधान है।
प्रशिक्षण के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त मनिता मलिक ने पीठासीन अधिकारी द्वारा भरे जाने वाले प्रत्येक प्रोफोर्मा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रोफोर्मा, फार्मों व अन्य सभी जरूरी बारीकियों के बारे में पूरा प्रशिक्षण इसलिए बार-बार दिया जा रहा है ताकि बाद में कोई कमी न आए। उन्होंने पीठासीन अधिकारी पुस्तिका के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कहा कि मतदान केंद्र पर पहुंचने के बाद पीठासीन अधिकारी को मतदान बूथ स्थापित करना होता है तथा मतदान केंद्र में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना होता है।
किसी भी स्थिति में चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित किए गए मतदान केंद्र के कक्ष को बदला नही जाए और यदि परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि निर्धारित कक्ष में मतदान करवाना संभव नही है तो मतदान केंद्र बदलने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की स्वीकृति अनिवार्य है। उन्होंने मतदान पार्टियों को मतदान केंद्रों हेतू रवाना होते हुए ली जाने वाली चुनाव सामग्री की विस्तृत जानकारी भी पीठासीन अधिकारी मतदान केंद्र के बाहर चुनाव नोटिस भी चस्पा करेंगे, जिसमें मतदान कार्यक्रम की पूर्ण जानकारी अंकित हो। उन्होंने कहा कि मतदान पार्टी में सुरक्षा कर्मचारी भी शामिल होते हैं तथा सुरक्षा कर्मचारी मतदान केंद्र में स्वैच्छा से प्रवेश नही कर सकते। वे केवल पीठासीन अधिकारी के आग्रह पर ही मतदान केंद्र में प्रवेश कर सकते हैं। मतदान केंद्र में मतदान को शांति पूर्वक संपन्न करवाने के लिए यह सुनिश्चित करें कि मतदाताओं को पंक्तिबद्ध किया जाए। मतदान केंद्र के अंदर किसी भी प्रकार की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नही की जा सकती। केवल मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार से ही प्रेस द्वारा कवरेज की जा सकती है। मतदान केंद्र के 200 मीटर की परिधि में कोई भी राजनैतिक पार्टियां व उम्मीदवार अपना बूथ स्थापित नही कर सकता और न ही अपना पोस्टर आदि चस्पा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित मतदान के दिन सुबह 6 बजे मॉक पोल शुरू करवाया जाए। इस दौरान चाहे राजनीतिक एजैंट मौजूद हों या नही, तो भी माईक्रो ऑब्जर्वर की उपस्थिति में मॉक पोल करवाई जाए तथा मॉक पोल सर्टिफिकेट जारी किया जाए। मतदान हेतू निर्धारित समय सुबह 7 बजे से मतदान शुरू करवाया जाए तथा सायं 6 बजे तक मतदान करवाया जाए। यदि सायं 6 बजे तक मतदान केंद्र में कुछ मतदाता मौजूद हैं तो मतदान केंद्र का प्रवेश द्वार बंद करके सभी को अंतिम मतदाता की ओर से शुरू करके उन्हें स्लिप वितरित करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि सायं 6 बजे मतदान केंद्र में मौजूद सभी पात्र मतदाताओं का मतदान करवाया जाए। उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान आयोग की हिदायतों अनुसार प्रत्येक 1 घंटे के बाद महिला एवं पुरूष के मतदान सहित मतदान प्रतिशत की पूर्ण जानकारी सैक्टर अधिकारी या एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध करवाते रहें। किसी भी मतदाता की पहचान में संदेह की स्थिति में राजनीतिक एजेंटों, बूथ स्तर अधिकारी तथा अन्य मतदाताओं से परामर्श किया जा सकता है। सैक्टर अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उन्हें अलॉट किए गए मतदान केंद्रों के आसपास ही मौजूद रहें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी मतदाता की गोद में छोटा बच्चा है तो वह मतदान बाक्स तक जा सकता है। क्लासीफाईड सर्विस वोटर के मामले में संबंधित वोटर द्वारा अधिकृत किए गए व्यक्ति द्वारा उसका वोट डाला जा सकता है। उन्होंने चुनाव सामग्री में शामिल पीठासीन अधिकारी डायरी, फार्म 17 सी तथा अन्य सामग्री के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन केवल दो स्थितियों में ही बदली जा सकती है। प्रथम मॉक पोल के दौरान तथा द्वितीय मतदान के दौरान मशीन में हुई किसी तकनीकी खराबी के कारण ही मशीन को बदला जा सकता है। इसके लिए सैक्टर अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।
इस अवसर पर ईवीएम तथा वीवीपैट की कार्य प्रणाली के बारे में आवश्यक जानकारी दी तथा मास्टर ट्रेनरों द्वारा इनकी कार्य प्रणाली की पूरी जानकारी दी गई तथा प्रदर्शन भी किया गया। इस अवसर पर जोनल मैजिस्ट्रेट, सैक्टर अधिकारी, पीठासीन अधिकारी तथा वैकल्पिक पीठासीन अधिकारी मौजूद रहे।
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