*Prime land freed from encroachments in Manimajra by MC Chandigarh*

उपायुक्त अनीश यादव ने गांव मोरीवाला व फरवाई कलां में खेतों में पहुंच कर लिया पराली प्रबंधन कार्य का जाजया

– फसल अवशेष प्रबंधन करके आय भी बढ़ाएं और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दें किसान : उपायुक्त


सिरसा, 19 नवंबर।

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उपायुक्त अनीश यादव ने वीरवार को जिला के गांव मोरीवाला व फरवाई कलां का दौरा कर खेतों में पराली प्रबंधन कार्य का बारीकी से जायजा लिया। इस दौरान उपायुक्त ने किसानों से भी बातचीत की और पराली प्रबंधन का आह्वïान किया। इस अवसर पर उनके साथ डीडीपीओ रवि कुमार भी साथ थे।


उपायुक्त पराली प्रबंधन कार्य का जायजा लेते हुए कहा कि पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है तथा लोगों के स्वास्थ्य पर भी दूष्प्रभाव पड़ता है। विशेष रूप से श्वांस के रोगियों के लिए समस्या बढ़ जाती है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सरकार किसानों को एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है, किसानों को इस योजना का पूर्ण लाभ उठाना चाहिए। इसके साथ-साथ सरकार सब्सिडी पर कृषियंत्र उपलब्ध करवा रही है, जिनकी सहायता से अवशेषों का प्रबंधन सरल हो जाता है।

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जिला में विभिन्न सीएससी सेंटर व निजी तौर पर फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरण उपलब्ध हैं। इन्हीं उपकरणों में बेलर भी शामिल है, जिसके माध्यम से किसान पराली की बेल्स बनाकर फसल अवशेष का उचित प्रबंधन कर सकते हैं। किसान पराली का प्रबंधन करके पर्यावरण को बचाने में सहयोग के साथ अतिरिक्त आय भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा जिले में वर्ष 2021-22 के दौरान फसल अवशेष प्रबंधन स्टेट प्लान (एसबी-82) स्कीम के अंतर्गत बेलर द्वारा पराली के बंडल/गांठ बनाकर पराली प्रबंधन करने वाले धान के किसानों को अधिकतम एक हजार रुपये प्रति एकड़ या 50 रुपये प्रति क्विंटल (20 क्विंटल प्रति एकड़ पराली मानते हुए) प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों का पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। किसानों द्वारा पराली की गांठ बेचकर रसीद प्रस्तुत करनी होगी या पंचायत जमीन पर गांठे इक_ी करने का पंचायत द्वारा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा। किसानों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल एग्रीहरियाणासीआरएमडॉटकोम पर पराली की गांठ/बेल के उचित निष्पादन हेतु पंजीकरण करना होगा जिसमें कुल धान का रकबा, प्रबंधन रकबा, खाता नंबर आदि दर्ज करने होगें।