During the 5th Global Alumni meet on 21.12.2024, several Alumni from the Golden and silver batches as well as many others visited the Department of English and Cultural Studies.

 ई-चालान के फर्जी लिंक से आमजन रहे सतर्क, जल्दबाजी में क्लिक करके हो सकते है साइबर फ्रॉड का शिकार-डीसी

– ऑनलाइन सामान मंगवाते समय कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन चुनें नागरिक -डीसी

– साइबर वित्तीय धोखाधड़ी की सूचना देने के लिए डायल करें 1930

For Detailed

पंचकूला, 1 सितंबर। उपायुक्त सुशील सारवान ने कहा कि लोग ई-चालान का मैसेज आने पर दिए गए लिंक पर क्लिक करने की जल्दबाजी ना करें। ऐसे फर्जी लिंक पर क्लिक करके लोग साइबर अपराध का शिकार हो सकते हैं और वे अपने जीवन भर की जमा पूंजी गंवा सकते हैं। उन्होंने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि साइबर अपराध का शिकार होने पर लोग तुरंत इसकी सूचना केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें ताकि तत्परता से कार्यवाई करते हुए साइबर अपराध को रोका जा सके।  

डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन के संज्ञान में आया है कि साइबर अपराधी फ्रॉड के अलग-2 तरीके अपनाते हुए आमजन के साथ ऑनलाइन फ्रॉड कर रहे है। ऐसा ही एक तरीका इन दिनों साइबर अपराधियों द्वारा अपनाया जा रहा है। साइबर अपराधी ई-चालान का मैसेज लोगों को मोबाइल पर भेजते हैं और लोग भी ई-चालान भरने की जल्दी में लिंक को ओपन कर देते हैं जिससे उनका मोबाइल फोन हैक हो जाता है और बैंक अकाउंट संबंधी निजी जानकारी साइबर अपराधी तक पहुंच जाती है और देखते ही देखते उनका बैंक अकाउंट खाली हो जाता है।
उन्होंने बताया कि लोगों को चाहिए कि वे इस मामले में जल्दबाजी कतई ना करें और सूझ-बूझ का परिचय दें। उन्होंने बताया कि अपराधी ई-चालान के ओरिजनल लिंक से मिलता जुलता लिंक – http://echallanparivhan.in/  लोगों के मोबाइल पर भेजते हैं जिसके बाद उनकी निजी जानकारी हैकर के पास पहुंच जाती है और लोग साईबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं जबकि ई-चालान का मूल अथवा ओरिजनल लिंक – http://echallan.parivahan.gov.in/ है। बिना जानकारी के लोग अक्सर साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे सतर्क रहें और किसी भी प्रकार के संदिग्ध लिंक को ओपन ना करें।

 इसी प्रकार के कुछ अन्य मामले भी जिला प्रशासन के सामने आए हैं। कुछ सालों से लोगों में ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते क्रेज के कारण अक्सर लोग सोशल मीडिया पर बंपर डिस्काउंट, लॉटरी या फिर इनामी विज्ञापनों के झांसे में आ जाते हैं। ऐसे में पहले यह  सुनिश्चित कर लें कि इस्तेमाल की जा रही वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं। उन्होंने कहा कि अगर संभव है तो कोशिश करें कि ऑनलाइन साइट्स से सामान मंगवाते समय कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन चुने ताकि आपकी बैंक और कार्ड डिटेल साइबर अपराधियों के हाथ न लग सके। उन्होंने कहा कि ओटीपी भी शेयर न करें।

डीसी ने कहा कि यदि फिर भी किन्ही कारणों से आपके साथ किसी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी होती है तो आप सबसे पहले हेल्पलाइन नंबर 1930 डायल करें और अपनी शिकायत को साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज करें। डीसी ने जिला के  युवाओं से अपील की है कि वे साइबर अपराधों से सावधान रहें और अपने परिवार के सदस्यों को भी जागरूक करें।

डीसी ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी जैसे अपराध की रिपोर्ट करने के लिए पुलिस स्टेशन जाकर पारंपरिक तरीके से एफआईआर करवाना व उसकी जांच होना एक लंबी प्रक्रिया है। ऐसे में तुरंत कार्रवाई के लिए हेल्पलाइन का विकल्प सबसे सर्वाेत्तम माध्यम है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की जितनी जल्दी सूचना दी जाए, उतना ही बढ़िया रहता है ताकि आगे की ट्रांजेक्शन को रोकने के लिए पीड़ित को त्वरित सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति साइबर क्राइम की वेबसाइट पर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।

https://propertyliquid.com