अमृत काल में हरियाणा का पहला बजट हुआ पेश
वर्ष 2023-24 के लिए वित्त मंत्री ने 1,83,950 करोड़ रुपये का बजट किया पेश
सब वर्गों का रखा ख्याल, बजट में नहीं लगाया गया कोई नया कर
बजट में उन्नत हरियाणा के निर्माण की नींव रखने की रूपरेखा तय की
चंडीगढ़, 23 फरवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, जो वित्त मंत्री भी हैं, ने आज हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में अमृत काल में हरियाणा का पहला बजट प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री के नाते हरियाणा के इतिहास का आज तक का सबसे बड़ा बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1,83,950 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया और बजट में कोई नया कर भी नहीं लगाया गया।
श्री मनोहर लाल ने बजट प्रस्तुत करते हुए वृद्धावस्था पेंशन में 2,750 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने वृद्धावस्था पेंशन पात्रता आय 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की घोषणा की। सरकारी आई.टी.आई. में प्रवेश लेने वाली 3 लाख रुपये वार्षिक से कम पारिवारिक आय वाली हर लड़की को 2,500 रुपये वित्तीय सहायता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास की स्थापना, अंत्योदय परिवारों के लिए 1 लाख घर, चिरायु-आयुष्मान भारत योजना का लाभ 3 लाख रुपये वार्षिक तक आय वाले परिवारों को भी प्रदान करने, लैंड पूलिंग, लैंड पार्टनरशिप और ई-भूमि के माध्यम से 10 औद्योगिक सेक्टर और 10 शहरों में आवासीय सेक्टर को विकसित करने और नगरों में नवीनीकरण शुल्क के बकाया ब्याज राशि पर छूट योजना सहित कई नये आयाम जोड़े हैं।
उन्होंने कहा कि बजट सभी के लिए कल्याणकारी है। अब पत्रकारों को कैशलेस मेडिकल सुविधा मिलेगी। चोटिल खिलाड़ियों के पोषण व पुर्नवास के लिए राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक खेल प्रशिक्षण और पुनर्वास केंद्र बनाये जाएंगे। आंगनवाड़ी वर्कर्स व चौकीदारों को भी चिरायु योजना का लाभ मिलेगा। इसके साथ-साथ प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। सब बच्चों को शिक्षा मिले, इसके लिए 6 से 18 वर्ष के हर बच्चे की मैपिंग की जाएगी।
बजट में नहीं लगाया गया कोई नया कर
श्री मनोहर लाल ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि वर्ष 2023-24 का बजट संशोधित अनुमान वर्ष 2022-23 के 1,64,808 करोड़ रुपये से 11.6 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें अमृत काल का हरियाणा का पहला बजट प्रस्तुत करने का अवसर मिला है। यह बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। हम 2047 में समृद्ध भारत, समर्थ भारत, हर प्रकार से सम्पन्न भारत बनाकर रहेंगे।
सतत् विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कुल बजट का 65.8 प्रतिशत आवंटित
वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2023-24 के बजट आवंटन को सतत् विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) से संरेखित किया है। राज्य में लागू किए जा रहे एसडीजी की प्राप्ति के उद्देश्य से 1,83,950 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय में से 1,20,958 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो कि 65.8 प्रतिशत है। यह आवंटन उन स्कीमों के लिए किया गया है, जो सतत् विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए क्रियान्वित की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि यह बजट अन्य वित्त वर्षों के बजट से हटकर है। 25 साल बाद जब हम आजादी का शताब्दी वर्ष मनाएंगे, तो हरियाणा खुशहाली और समृद्धि के मामले में कैसा होगा, इसकी परिकल्पना कर के इस बजट में उन्नत हरियाणा के निर्माण की नींव डालने की रूपरेखा तय की है।
उन्होंने कहा कि बजट में पूंजीगत परिसम्पत्ति के सृजन के लिए 57,879 करोड़ रुपये के परिव्यय, जो कि 31.5 प्रतिशत तथा राजस्व परिव्यय के लिए 1,26,071 करोड़ रुपये, जोकि 68.5 प्रतिशत है, का प्रस्ताव किया गया है।
विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान
वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) विजन-2030 के अनुसार राज्य के विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता को भी प्रकट करता है। हरियाणा का भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 3.86 प्रतिशत का योगदान है, जो कि इसके आकार या जनसंख्या के अनुपात से कहीं अधिक है। हरियाणा के लिए यह गर्व की बात है कि वर्ष 2022-23 में जीएसडीपी विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
जीडीपी में हरियाणा की हिस्सेदारी वर्ष 2014-15 में 3.52 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 3.86 प्रतिशत
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) की वृद्धि दर देश के सकल घरेलू