अधिकारी परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के अपडेशन व सत्यापन कार्य में लाएं तेजी : उपायुक्त प्रदीप कुमार
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि परिवार पहचान पत्र(पीपीपी) प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। आगामी समय में प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के माध्यम से दिया जाएगा। परिवार पहचान पत्र योजना के महत्व को इसी बात से समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री स्वयं परिवार पहचान पत्र कार्य की समीक्षा कर रहे हैं। इसलिए संबंधित अधिकारी इस कार्य को प्राथमिकता दें और सकारात्मक सोच के साथ सौ प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने की दिशा में कार्य में लग जाएं।
उपायुक्त शुक्रवार को लघुसचिवालय के सभागार में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) योजना की कार्य प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने जिला में अब तक हुए परिवार पहचान पत्र के अपडेशन व सत्यापन कार्य की जानकारी दी। बैठक में एसडीएम जयवीर यादव, एसडीएम दिलबाग सिंह, एसडीएम अश्वनी कुमार, सिटीएम संदीप कुमार, सीएमजीजीए सुकन्या जर्नादन, डीआईओ एनआईसी रमेश कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने कहा कि अधिकारी परिवार पहचान पत्र कार्य को प्रमुखता देते हुए इसे निर्धारित समय में पूरा करने की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। मुख्यमंत्री स्वयं इस योजना की समीक्षा कर रहे हैं और इस संबंध में लगातार बैठक ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला में परिवार पहचान पत्र अपडेशन का कार्य अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा शहरी क्षेत्र में परिवार पहचान पत्र अपडेशन कार्य धीमा चल रहा है। इसलिए शहरी क्षेत्र में विशेष तौर पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। अधिकारी इस कार्य को गंभीरता से लें। कोई अधिकारी या कर्मचारी इस कार्य में कोताही बरतता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी सकारात्मक सोच के साथ कार्य करेंगे तो कोई भी लक्ष्य हो उसे पूरा किया जा सकता है। कार्य को बोझ नहीं बल्कि अवसर समझकर उसे समय अवधि में पूरा करने का प्रयास करें।
शहर में पार्षद व गांव में सरपंच का लें सहयोग :
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि कोई भी कार्य हो उसमें जितना आमजन का सहयोग होगा, वह काम उतना ही आसान होगा। इसी प्रकार परिवार पहचान पत्र कार्य में भी जन प्रतिनिधियों व आमजन का सहयोग लें। गांव में सरपंच को परिवार पहचान पत्र के महत्व को बारे में बताएं ताकि वह ग्रामीणों को परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए प्रेरित कर सकें। इसी प्रकार शहर में पार्षद को इस कार्य में शामिल करके लोगों को परिवार पहचान पत्र बनवाने व इसे अपडेट करवाने के लिए जागरूक करें।
परिवार पहचान पत्र नि:शुल्क होता है अपडेट, शुल्क लेने वाले पर होगी कार्रवाई :
उपायुक्त ने कहा कि परिवार पहचन पत्र बनवाने या इसे अपडेट करवाने के लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है। सरकार द्वारा स्थापित सीएससी सेंटर पर कोई भी नागरिक अपने परिवार के पहचान संबंधी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जन्म तिथि का प्रमाण पत्र व पहचान पत्र इत्यादि लेकर परिवार पहचान पत्र आईडी का रजिस्ट्रेशन या डाटा ठीक करवा सकते हैं। यदि कोई भी सीएससी सेंटर संचालक परिवार पहचान पत्र बनवाने या इसे अपडेट करवाने के लिए शुल्क लेता है तो उसकी आईडी को ब्लॉक करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए परिवार पहचान पत्र जरूरी :
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार की सोच है कि पात्र व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से सीधे पहुंचे। परिवार पहचान पत्र इसी सोच का हिस्सा है। आगामी समय में प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के आधार पर ही मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र सभी के लिए जरूरी है। बुढ़ापा पैन्शन, विधवा पैन्शन और दिव्यांग पेंशन आदि के लाभ लेने के लिये परिवार पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। उदाहरण के तौर पर परिवार पहचान पत्र में किसी भी सदस्य की आयु 60 साल हो जाती है, तो सरकार की ओर से उसकी पैंशन बना दी जाएगी। पैंशन बनवाने के लिए उसे कहीं पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसी प्रकार सदस्य की आयु 18 साल होते ही उसका वोटर कार्ड बन जाएगा। इसलिए आमजन अपने नजदीकी केंद्रों पर जाकर जल्द से जल्द अपने परिवार का डाटा अपडेट व सत्यापन करवाएं।
अतिरिक्त उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों पीपीपी के अपडेशन कार्य का दिया लक्ष्य :
अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने अधिकारियों को परिवार पहचान पत्र कार्य के संबंध में टारगेट देते हुए इसे समय अवधि में पूरा करने बारे दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी इस कार्य में पूरी गंभीरता के साथ जुट जाएं। इस कार्य में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। कोई भी दिक्कत या परेशानी आती है, तो उनको या डीआईओ एनआईसी को इस बारे अवगत करवाएं। उन्होंने शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास, श्रम विभाग आदि को पीपीपी के अपडेशन कार्य का टारगेट दिया और इस समय अवधि में पूरा करने के लिए दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर या अन्य कोई सक्षम युवा किसी परिवार के डॉक्यूमेंट लेकर आता है तो सीएससी संचालन उसे अपडेट करेगा और अपडेट के उपरांत संबंधिक कर्मचारी को वापिस देगा। सीएससी संचालक लमिनेशन के नाम पर भी पैसे नहीं ले सकते।