अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की जांच में लाएं तेजी : एसडीएम जयवीर यादव
-अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत उपमंडल स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित
एसडीएम जयवीर यादव कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत जिले में दर्ज हुए मामलों की जांच में तेजी लाएं, जिससे पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाकर आर्थिक सहायता दी जा सके। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि पुलिस विभाग द्वारा की जा रही जांच में किसी प्रकार की ढिलाई न बरतें और तय समय में मामलों की जांच की जाए।
वे बुधवार को अपने कार्यालय कक्ष में उपमंडल स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करने के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत दर्ज केसों व पीड़ितों को दी जा रही आर्थिक सहायता की समीक्षा की। बैठक में डीएसपी धर्मवीर, नगर परिषद ईओ संदीप मलिक, जिला कल्याण अधिकारी सुशील कुमार, तहसील कल्याण अधिकारी कमल सिंह, कमेटी के गैर सरकारी सदस्य नंबरदार जुगनू राम सहित समिति के सदस्य उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का अत्याचार या दुर्व्यवहार होता है तो पीड़ित परिवार को तुरंत प्रभाव से आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। पीड़ित को समय पर मिली सहायता आर्थिक सबल बनाने के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी मदद करती है। इसलिए किसी दुर्घटना या अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति को समय पर आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाए और इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आर्थिक सहायता देने में किसी प्रकार का विलंब न हो।
जिला कल्याण अधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों द्वारा पीड़ित अनुसूचित जाति के व्यक्तियों पर होने वाले अत्याचारों जैसे भूमि का अनधिकृत कब्जा, कत्ल, डकैती, दुष्कर्म, आगजनी आदि से पीड़ित व्यक्तियों को 85 हजार से 8.25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है।