अतिरिक्त उपायुक्त ने जिला टास्क फोर्स की आयोजित बैठक की करी अध्यक्षता
खसरा, जर्मन खसरा (मिजेल रूबैला) बीमारी को 2024 तक पूर्ण रूप से समाप्त करने का लक्ष्य
पंचकूला, 1 अगस्त : अतिरिक्त उपायुक्त सचिन गुप्ता की अध्यक्षता में आज जिला सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक में डॉ.मीनू सासन, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. राजीव आर्य, डॉ. जगदीश गोयल के साथ-साथ सभी प्रवर चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, निजी अस्पताल के प्रतिनिधि, आंगनवाड़ी विभाग व शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
स्वास्थय विभाग सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें
अतिरिक्त उपायुक्त ने निर्देश दिए कि खसरा, जर्मन खसरा (मिजैल रूबैला) दस्त जैसी बीमारी को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए स्वास्थय विभाग सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों और आंगनवाॅडी वर्करों को निर्देश दिए कि वे बच्चों को दिन में कम से कम तीन बार हाथ धोने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि हाथ धोने से ही अधिकतम संक्रामक रोगों से बचा जा सकता है।
डॉ.मीनू सासन (डीआईओ) ने बताया कि भारत सरकार द्वारा खसरा, जर्मन खसरा (मिजेल रूबैला) बीमारी को 2024 तक पूर्ण रूप से समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग को जिले में खसरा, जर्मन खसरा (मिजेल रूबैला) पहली व दूसरी खुराक की उपलब्धि 95 प्रतिशत से अधिक रखना है।
1 अगस्त से विटामिन ए अभियान शुरू
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही बच्चों की आंखों की रोशनी के लिए और खसरा, निमोनिया से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1 अगस्त, से जिला मे विटामिन ए अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत 9 माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को जिनकी विटामिन ए की खुराक बकाया है, उन्हें पिलाई जाएगी।
1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है
स्वास्थ्य विभाग की ओर से माताओं के लिए 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। इसमे प्रत्येक स्वास्थ्य इकाई पर दूध पिलाने वाली माताओ को दूध पिलाने के बारे मे जानकारी दी जाएगी।
एक जुलाई से 31 अगस्त तक स्टॉप डायरिया अभियान शुरू किया है
बदलते मौसम को देखते हुए सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग को डायरिया की रोकथाम के लिए निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत विभाग ने एक जुलाई से 31 अगस्त तक स्टॉप डायरिया अभियान शुरू किया है। इसमें स्वास्थ्य इकाइयों के साथ-साथ पहली बार आंगनबाॅड़ियों में भी ओआरएस केंद्र बनाए गए है। यहां आने वाले बच्चों को दस्त और उल्टी के समय दिए जाने वाले प्राथमिक उपचार के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही पांच वर्ष तक के बच्चों के अभिभावकों को डायरिया के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा अस्पताल में ओआरएस केंद्र बनाये गए है, जहां पर ओआरएस और जिंक की गोलियां भी वितरित की जाएंगी।