स्वयंसेवक टी.बी मरीजों की पहचान कर इलाज के लिए करें प्रेरित
सामान्य अस्पताल में टी.बी.प्रोजैक्ट के तहत खण्ड स्तर पर कार्य कर रहे रैडक्रॉस के स्वयंसेवकों की बैठक उप सिविल सर्जन डा. रोहताश की अध्यक्षता में हुई। बैठक में टी.बी.प्रोजैक्ट की गतिविधियों के प्रभावी संचालन बारे स्वयंसेवकों दिशा-निर्देश दिए गए।
डा. रोहताश ने बताया कि टी.बी. के मुख्य लक्ष्ण अधिक खांसी, लगातार बुखार, थकावट होना, वजन घटना तथा सांस लेने में परेशानी होते हैं। इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों पर होता है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, मुंह, लीवर, किडनी, गले आदि में भी टी.बी.हो सकती है। इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है। उन्होंने टी.बी.प्रोजैक्ट में कार्यरत स्वयंसेवकों को निर्देश दिए कि वह ऐसे मरीजों की पहचान करके उनका ईलाज टी.बी.अस्पताल, सिरसा में करवाएं। यह ईलाज बिल्कुल नि:शुल्क है तथा जिन टी.बी.के मरीजों ने अपना ईलाज बीच में ही छोड़ दिया है उनको अपना ईलाज पूर्ण करने के लिए प्रेरित करें।
जिला रैडक्रॉस सोसायटी, सिरसा के सचिव लाल बहादुर ने बताया कि राज्य मुख्यालय के निर्देशानुसार जिला सिरसा में टी.बी.प्रोजैक्ट आरंभ किया गया है तथा इस प्रोजैक्ट में स्वयंसेवकों के माध्यम से टी.बी.रोगियों की पहचान करके उन्हें ईलाज के लिए प्रेरित करके उन्हें सामान्य अस्पताल सिरसा में स्थित टी.बी.हॉस्पीटल में ईलाज के लिए भेजा जा रहा है। बैठक में रैडक्रॉस के कार्यक्रम अधिकारी अश्वनी शर्मा तथा रैडक्रॉस के स्वयंसेवक उपस्थित थे।