स्वतंत्रता दिवस हमारे योद्धाओं की वीरता और शहीदों के बलिदानों का प्रतीक
79वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर एसडीएम चंद्रकांत कटारिया ने जिलावासियों को खासकर युवा पीढ़ी को यह संदेश दिया कि देशभक्ति का भाव हमारे जीवन में अति आवश्यक क्यों है?
जिस तरह एक परिवार में पैदा होने पर उस परिवार से और उसके सदस्यों से स्नेह होना स्वाभाविक है, उसी तरह इस मातृभूमि पर जन्म लेकर इस मातृभूमि से व यहां रहने वाले भारतीयों में प्रेम रहना भी आवश्यक है; यह देश हमारा है, और इस देश से हम है यह भाव हमेशा रहना चाहिए (इस मिट्टी में मिल मिल जाऊं, बस इतनी सी है आरजू वाली वाइब)। इसके अतिरिक्त
* मातृभूमि न केवल हमें सुरक्षा प्रदान करती है (हिमालय से हिंद महासागर तक प्राकृतिक सीमाएं), बल्कि सभी संसाधन हमें इस पावन धारा से ही मिलते हैं ( जल, वायु, भोजन से लेकर मिनरल्स, मेटल्स, इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग के लिए मटेरियल, रोजमर्रा के उत्पाद आदि)।
* हमारा राष्ट्र हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की धरोहर है। इससे हमें विशेष पहचान मिलती है।
* यह हमारे योद्धाओं की वीरता और शहीदों के बलिदानों की प्रतीक है।
* राष्ट्र हमारे संविधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित एवं परिभाषित करता है।
* राष्ट्रभक्ति का हमें आजादी दिलाने में अहम योगदान रहा है, स्वतंत्रता पाने में मां भारती के कई सपूतों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, जिसकी वजह से हम खुली हवा में सांस ले पा रहे है (चाहे चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह हो या सुभाष चंद्र बोस, वल्लभ भाई पटेल और महात्मा गांधी; राह चाहे कोई भी हो राष्ट्र के लिए अपना योगदान सुनिश्चित किया जा सकता है)
* राष्ट्र ही हमारे मौलिक अधिकार सुनिश्चित करता है (स्वतंत्रता, समानता, न्याय, भेदभाव का अंत, धार्मिक स्वतंत्रता,सांस्कृतिक व शैक्षिक अधिकार आदि)
* यह अनेकता में एकता का भाव उत्पन्न करता है (विभिन्न राज्य/संस्कृतियों से होते हुए भी हम देश के सशस्त्र बलों को, क्रिकेट टीम को, ओलंपिक टीम्स को, देवी-देवताओं को, त्योहार आदि को लेकर समभाव रखते है व कई बार भावुक हो जाते है।)
* देश के एकजुट होने से आर्थिक समृद्धि बढ़ती है, जिससे हमारे जीवन स्तर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है (रोजगार के अवसर, जीवन यापन के लिए आवश्यक वस्तुओं की सहज उपलब्धता, मूलभूत ढांचे में सुधार, बेहतर सुरक्षा आदि)
* देशप्रेम का भाव समाज को भी प्रगति की और ले जाता है, कुरीतियों को दूर कर नैतिक मूल्यों का प्रभाव सामाजिक जीवन मे बढ़ाता है (जैसे कोविड के समय में हर भारतीय ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी भारतीय भूखा न रह जाए।)
* राष्ट्रवाद से एक दूसरे के प्रति आत्मीयता का भाव उत्पन्न होता है, जिससे आपसी प्रेम और सम्मान बढ़ता है, आंतरिक कलह कम होती है तथा आम जीवन सुगम बनता है।
* राष्ट्रवाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हमें विशेष मान्यता मिलती है, जिससे हमारे सुरक्षा बलों का, वैश्विक प्रतिस्पर्धाओं में हमारी टीमों का मनोबल एवं उत्साह बढ़ता है
* राष्ट्र का भाव हमारे सैन्य बलों (वायु सेना, थलसेना, जलसेना) की आत्मशक्ति को बढ़ाकर बाहरी शत्रुओं से हमारी रक्षा करने एवं समय पड़ने पर उपयुक्त कार्यवाही करने में हमें शशक्त बनाता है (ऑपरेशन सिंदूर, सभी भारतीय हरपल सेना के साथ थे, जिससे एक निर्णायक कार्यवाही अमल में लाई गई)
ऐसे अनेक बिंदु उदाहरण सहित लिखे जा सकते है जो निस्वार्थ देशप्रेम की जरूरत और उपयोगिता पर प्रकाश डाल सके। हम सब एक से ज्यादा पहलुओं से एक दूसरे से जुड़े हुए है, बस कई बार उस संबंध या संपर्क को भूल जाते है, आए सब मिलकर अपना कारण ढूंढे और राष्ट्रकल्याण में अपनी आहुति दे, मुझे पूर्ण विश्वास है कि राष्ट्रवाद हमारे व्यक्तिगत, परिवारिक, सामाजिक एवं आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने में परम साधक बनकर अभूतपूर्व योगदान प्रदान करेगा।