Paras Health Panchkula Intensifies Fight Against Rising Neurological Disorders on World Brain Day, Urges Early Detection and Awareness

स्त्री का स्वास्थ्य, समाज की ताकत- आयुर्वेद से करें इसकी हिफाजत

-मसालेदार, तला-भुना, अत्यधिक नमकीन और जंक फूड से परहेज करना आवश्यक

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पंचकूला, 26 मार्च- मासिक धर्म महिला के शरीर की एक प्राकृतिक शोधन प्रक्रिया है, जो संपूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। यदि इस दौरान आहार-विहार सही न हो, तो कई स्त्री रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
आयुर्वेद में रजस्वलाचर्या के नाम से वर्णित मासिक धर्म अनुशासन का पालन करके इन समस्याओं से बचा जा सकता है। शोध के अनुसार, भारत में लगभग 60-70ः महिलाएँ किसी न किसी रूप में मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं का सामना करती हैं, जिनमें अनियमित मासिक धर्म, अधिक या कम रक्तस्राव, और मासिक धर्म के दौरान असहनीय दर्द (कष्टार्तवं) शामिल हैं। इन विकारों का एक मुख्य कारण अनुचित आहार और तनावपूर्ण जीवनशैली है।
आयुर्वेद के अनुसार, माहवारी के पहले तीन दिनों में महिला को सुपाच्य और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। इसमें शाली चावल, जौ का दलिया, देसी गाय का दूध व घी सम्मिलित हो, जिसे धागामीश्री से मीठा करके सेवन करना लाभकारी होता है। मसालेदार, तला-भुना, अत्यधिक नमकीन और जंक फूड से परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही, आराम और मानसिक शांति बनाए रखना भी आवश्यक है। वर्तमान वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि स्वस्थ आहार और योग के अभ्यास से पीसीओडी के मामलों में 40-50ः तक सुधार देखा गया है।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, पंचकूला में उपलब्ध स्त्री रोग चिकित्सा सेवाएँ राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, पंचकूला के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में महिलाओं से संबंधित विभिन्न रोगों के उपचार की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। यहाँ अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा निम्नलिखित समस्याओं का उपचार किया जाता हैरू मासिक धर्म विकार ( मासिक धर्म संबंधी विकार )- अनियमितता, अधिक रक्तस्राव, अल्प मासिक धर्म, कष्टार्तव  आदि। पीसीओडी और हार्मोनल असंतुलन- प्राकृतिक चिकित्सा और पंचकर्म से प्रभावी प्रबंधन। बांझपन- आयुर्वेदिक औषधियों, पंचकर्म और आहार-विहार सुधार द्वारा उपचार। गर्भाशय एवं अंडाशय की गांठें हर्बल चिकित्सा और जीवनशैली सुधार द्वारा नियंत्रण। स्तन रोग स्तनशूल, स्तन ग्रंथियों की समस्याएँ आदि। गर्भवती महिलाओं की देखभाल- स्वस्थ गर्भावस्था के लिए विशेष आयुर्वेदिक मार्गदर्शन। प्रसवोत्तर देखभाल मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए परामर्श और औषधियाँ। स्त्री स्वास्थ्य केवल एक महिला की भलाई तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज की समृद्धि से जुड़ा हुआ है। आयुर्वेद न केवल रोगों का उपचार करता है, बल्कि उनके मूल कारण को जड़ से समाप्त करने पर बल देता है।
यदि आप या आपके परिवार की कोई महिला मासिक धर्म विकार, प्रजनन संबंधी समस्याओं, गर्भावस्था या प्रसवोत्तर देखभाल की जरूरत महसूस कर रही हैं, तो राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, पंचकूला की विशेषज्ञ ओपीडी सेवाओं का लाभ उठाएँ। यहाँ आपको प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक चिकित्सा द्वारा संपूर्ण स्वास्थ्य समाधान मिलेगा।

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