सुप्रीम कोर्ट – 50% वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्ची से कराने की मांग
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट 21 विपक्षी पार्टियों के द्वारा दायर की गई याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
पार्टियों की मांग है कि आम चुनावों के नतीजे से पहले कम से कम 50% वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से किया जाए।
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की मांग को लेकर गुरुवार को 10 से ज्यादा विपक्षी दलों के नेता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
याचिकाकर्ताओं में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), शरद पवार (एनसीपी), फारुक अब्दुल्लाह (एनसी), शरद यादव (एलजेडी), अरविंद केजरीवाल (आप), अखिलेश यादव (एसपी), डेरेक ओब्रायन (टीएमसी) और एमके स्टालिन (डीएमके) शामिल थे।
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई करेंगे।
पार्टियों ने कहा कि हमें ईवीएम की प्रमाणिकता पर संदेह है, जो चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता पर भी संशय पैदा करता है।
ऐसे में आयोग यह अनिवार्य करे कि 50 फीसदी ईवीएम मतों का मिलान वीवीपैट पर्चियों से किया जाए। 21 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने चुनाव आयोग को भी ज्ञापन सौंपा।
नवंबर-दिसंबर में पांच विधानसभाओं में हुए चुनाव के दौरान भी इन पार्टियों के द्वारा ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए थे।
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