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विभाग को 10 प्रतिशत प्रशिक्षु रखना अनिवार्य, निर्धारित लक्ष्यों को करें पूरा : एसडीएम डा. जयवीर यादव

सिरसा, 12 फरवरी।

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                एसडीएम डा. जयवीर यादव ने कहा कि शिक्षुता अधिनियम 1961 के तहत एनएपीएस स्कीम में सभी सरकारी संस्थानों में कुल कर्मचारियों का 10 प्रतिशत व निजी प्रतिष्ठïानों में 2.5 से 10 प्रतिशत प्रशिक्षु लगाना अनिवार्य है। सभी विभाग नियमानुसार प्रशिक्षुओं की नियुक्ति करें और प्रोफाइल को अपडेट करना सुनिश्चित करेें।


                एसडीएम जयवीर यादव शुक्रवार को स्थानीय लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में जिला शिक्षुता कमेटी की बैठक की अध्यक्षता को संबोधित कर रहे थे। एसडीएम ने शिक्षुता अधिनियम के बारे में जरूरी निर्देश दिए तथा योजना के तहत किए गए कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में प्रिंसिपल राजकीय औद्योगिक संस्थान लाल चंद रिवाडिय़ा, प्लेसमेंट ऑफिसर राम कुमार, देशराज, श्याम सिंह, विनोद कुमार, जीआई मैनपाल सहित विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद थे।


                एसडीएम ने कहा कि नए नियमों के अनुसार विभाग व निजी प्रतिष्ठïान अपने कर्मचारियों के अनुसार निर्धारित संख्या में प्रशिक्षु लगा सकते हैं, जिसमें 5 प्रशिक्षण सीटें फ्रेशर व स्किल सर्टिफिकेट होल्डर प्रशिक्षुओं के लिए रिजर्व रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि जिन प्रतिष्ठानों द्वारा अभी तक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है वे पोर्टल तुरंत पंजीकृत करवाएं। इसके अलावा जिन विभागों की प्रोफाइल लॉगइन की समस्या आ रही है वे तुरंत आईटीआई से सम्पर्क करके अपनी प्रोफाइल नए पार्टल पर अपडेट करवाएं। उन्होंने बताया कि हाल ही में आईटीआई पास आउट बच्चे विभिन्न विभागों में ऑनलाइन के माध्यम से प्रशिक्षु प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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                प्राचार्य एवं सहायक शिक्षुता सलाहकार लालचंद रिवाडिय़ा ने सभी उपस्थित विभागाध्यक्षों को शिक्षुता अधिनियम 1961 व एनएपीएस योजना के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों से कहा कि विभाग द्वारा जारी किए गए नए शेड्यूल के अनुसार सभी प्रतिष्ठïान प्रशिक्षु रखें। इसके अलावा प्रशिक्षु लगे प्रशिक्षार्थियों को स्टाइफंड राशि प्रशिक्षु अधिनियम 1961 व नियम 1992 में किए गए संशोधन अनुसार दिया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हैं वे आईटीआई सिरसा में सम्पर्क कर सकते हैं, समस्या का तत्परता से निदान किया जाएगा।