City Mayor Harpreet Kaur Babla reviews Chhath Puja preparations at Sector 42 Lake, assures full support to Purvanchal community

वर्तमान कोरोना काल ने बदले विवाह समारोह की रूपरेखा।

चंडीगढ़:

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निश्चित रूप से कोरोना ने हमें अपने जीवन में बहुत सारे तौर तरीके नए सिखाए हैं नए शब्द हमें सिखाएं हैं जैसे एकांतवास, सामाजिक दूरी आदि आदि। इसी कड़ी में कोरोना काल में शादियों के स्वरूप भी बदल दिए हैं । प्रत्येक परिस्थिति के कुछ अच्छे और बुरे प्रभाव होते हैं। शादी के दृष्टिकोण से, यदि देखा जाए अब शादियां केवल दोनों परिवार मिलकर कर रहे हैं जिसमें सिर्फ दोनों परिवारों के प्रमुख व्यक्ति ही उपलब्ध रहते हैं अधिकतम 7 से 8 लोग, इस प्रकार के प्रयास से दोनों ही पक्ष पर आर्थिक बोझ भी नहीं उत्पन्न हो रहा है साथ ही साथ दहेज प्रथा का जो कलंक, हमारे समाज पर था उसका अंत भी होता दिखाई दे रहा है । इसी कड़ी में पतंजलि योग समिति चंडीगढ़ के राज्य प्रभारी श्री विनोद भारद्वाज जी, मोहाली निवासी ने एक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, अपने पुत्र की शादी इस कोरोना काल में निश्चित की, केवल दोनों परिवार के साथ आठ लोगों ने भाग लेकर, जिसमें वर सौरव जी और वधू मोनिका का शुभ पानी गृह संस्कार 20 मई को पूर्ण हुआ। इस प्रकार की शादी समाज में मार्गदर्शन का कार्य करती है जिसमें समाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए हम कोरोना के नियमों का पालन करते हैं साथ ही दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को भी दूर करने में सहायक होते हैं। ऐसे परिवारों का समाज में स्वागत होना चाहिए।

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