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राजकीय महाविद्यालय कालका में साहित्यिक क्लब शब्द शिल्प की ओर से एक व्याख्यान का किया गया आयोजन

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पंचकूला, 1 फरवरी- राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के कुशल नेतृत्व में साहित्यिक क्लब शब्द शिल्प की ओर से एक व्याख्यान का सफल आयोजन किया गया। व्याख्यान का विषय अनुवाद कला रहा। 

प्राचार्या प्रोमिला मलिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अनुवाद एक कला और शिल्प होने के साथ-साथ एक अद्भुत विज्ञान भी है। निरंतर अभ्यास, अनुशीलन तथा अध्ययन आदि से इसमें कार्य कुशलता की पहचान होती है। अनुशीलन करना अनुवादक का प्रथम कार्य होता है। अच्छे अनुवाद के लिए सबसे जरूरी चीज होती है कि किसी भी लेख के मूल भाव में बदलाव नहीं आना चाहिए। 

मुख्य वक्ता डॉ रविंद्र कौर अंग्रेजी विभाग, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में कार्यरत ने विद्यार्थियों को बहुत बेहतरीन तरीके से अनुवाद के प्रकार, विधियों और तकनीक के बारे में विस्तृत रूप से बताया और अनुवादक को अनुवाद प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं और सीमाओं के बारे में भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि अनुवाद का शाब्दिक अर्थ है पुनः कथन अर्थात किसी कही गई बात को फिर से कहना। अनुवाद एक ऐसी कला है जिसके द्वारा किसी विचार को स्पष्टता के साथ एक भाषा से दूसरी भाषा में इस तरह अंतरित किया जाता है कि वह पाठकों के मन पर वही प्रभाव डालता है जो प्रभाव मूल का होता है। 

प्रस्तुत कार्यक्रम साहित्यिक क्लब शब्द शिल्प की सदस्य और अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर डॉ पूजा सिंगल, प्रोफेसर डॉ गीतांजलि, प्रोफेसर डॉक्टर यशवीर, हिंदी विभाग अध्यक्षा प्रोफेसर डॉ बिंदु, प्रोफेसर डॉ नीरू शर्मा, डॉ गीता ,डॉ रमाकांत और संस्कृत विभाग के प्रोफेसर डॉ प्रदीप वैदिक रिसर्चर के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया।

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