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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भाई कन्हैया मानव सेवा ट्रस्ट में दिव्यांग बच्चों व बुजुर्गों से की मुलाकात

– मुख्यमंत्री ने ट्रस्ट को 21 लाख रुपये देने की घोषणा की, इसके अतिरिक्त 11 लाख रुपये वार्षिक तौर पर भी दिए जाएंगे
– मानव सेवा सबसे बड़ी सेवा है और भाई कन्हैया मानव सेवा ट्रस्ट को इस कार्य को बखूबी कर रही है : मुख्यमंत्री मनोहर लाल


सिरसा, 18 मई।

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हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बुधवार को भाई कन्हैया मानव सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में चलाए जा रहे भाई कन्हैया आश्रम में पहुंचे तथा बेसहारा बुजुर्गों व बच्चों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना। इस अवसर पर उनके साथ उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, बिजली मंत्री रणजीत सिंह, सांसद सुनीता दुग्गल, पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा, गुरदेव सिंह राही, रेणू शर्मा, अमन चोपड़ा मौजूद थे। साथ ही उपायुक्त अजय सिंह तोमर व पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन, ट्रस्ट के प्रधान गुरविंदर सिंह, उप प्रधान हरदेव सिंह, सचिव रिशिपाल, ट्रस्टी संजीव जैन, हरबंस लाल जिंदल, भूप सिंह सोनी व मेघनाथ शर्मा आदि उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री ने इस मौके पर भाई कन्हैया मानव सेवा ट्रस्ट को 21 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त ट्रस्ट को वार्षिक तौर पर किसी ने किसी योजना के तहत 11 लाख रुपये की मदद देने का प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भाई कन्हैया आश्रम के मुख्य सेवाकार गुरविंद्र सिंह व ट्रस्टी संजीव जैन के प्रयासों की सराहना की। इसके अलावा ट्रस्ट की ओर से अस्पताल केे लिए जमीन की मांग पर उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही जगह की पहचान कर ट्रस्ट को दी जाएगी।

मानव सेवा सबसे बड़ी सेवा : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मानव सेवा सबसे बड़ी सेवा है और भाई कन्हैया मानव सेवा ट्रस्ट इस कार्य को बखूबी कर रही है। ट्रस्ट द्वारा जिस समर्पण भाव व तमन्यता से कार्य किया जा रहा है, यह बहुत ही सराहनीय है। सेवा का आनंद अलग ही प्रकार का होता है, केवल सेवा करने वाले व्यक्ति का मन ही जानता है कि उसे इसमें कितना आनंद मिलता है। उन्होंने कहा कि रोटी, कपड़ा, मकान प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकता होती है, लेकिन मन की संतुष्टिï सर्वोपरि होती है। यदि व्यक्ति का मन संतुष्टï है तो दूसरी आवश्यकताओं की महत्ता कम पड़ जाती है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सेवा भाव के काम में लगे रहते हैं, वे धन्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा दिव्यांग बच्चों को ढाई हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें प्रांतीय सीमाओं से उपर उठकर सोचना चाहिए, इसी धारणा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों के प्रदेश में रहने वाले दिव्यांगजनों की सहायता के लिए भी कुछ न कुछ प्रावधान अवश्य किया जाएगा, ताकि इस प्रकार के आश्रमों को परेशानी न आए। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में लाखों लोग ऐसे हैं जोकि जन्म या दुर्घटना वश अथवा मानसिक रुप से दिव्यांग हैं, ऐसे लोगों की सेवा करना बहुत बड़ा काम है। सेवा परमो धर्म के भाव से काम कर रहे हैं।

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