मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर योजना : जिला के 34 किसान व मजदूर को मिली साढ़े तीस लाख से अधिक राशि की आर्थिक सहायता
उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि खेत-खलिहानों में काम करने वाले किसानों व मजदूरों को कार्य के दौरान होने वाली दुर्घटना या मृत्यु पर आर्थिक सहायता के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर योजना क्रियान्वित है। योजना के तहत अप्रैल 2020 से जून 2021 तक जिला के 34 किसानों व मजदूरों को 30 लाख 62 हजार 500 रुपये की राशि आर्थिक सहायता के रूप में वितरित की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि खेतों में कार्य के दौरान किसानों व मजदूरों को कई तरह की दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। ऐसे में अगर परिवार के कमाऊ सदस्य की अकाल मृत्यु हो जाए तो पूरे परिवार के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाता है।
मुख्यमंत्री किसान खेतिहर मजदूर योजना के तहत अलग-अलग कैटेगरी में सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाती है, जिनमें अंग भंग होना, उंगल कटना, मृत्यु होना आदि कैटेगरी शामिल हैं। मार्केट कमेटी कार्यालय में उक्त अवधि के दौरान मृत्यु होने पर तीन केस, एक अंग भंग होने पर दो केस, पूरी उंगली कटने पर छह केस तथा उंगली भाग कटने पर 23 केसों के रूप में आवेदन प्राप्त हुए थे। उन्होंने बताया कि योजना के लाभ के लिए आवेदक को दुर्घटना की तिथि से दो माह के भीतर मार्केट कमेटी में अपना आवेदन प्रस्तुत करना होता है। दावेदार की आयु 10 वर्ष से कम तथा 65 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि योजना का लाभ ऐसे किसानों व मजदूरों को मार्केट कमेटी की ओर से दिया जाता है, जो कृषि कार्यों के दौरान खेतों, गांवों, मार्किट यार्ड तथा ऐसे स्थानों से आते-जाते समय दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। ैउन्होंने बताया कि योजना के तहत दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये, एक अंग भंग होने या स्थायी चोट लगने पर सवा लाख रुपये, दो अंग भंग होने पर या स्थायी गंभीर चोट होने पर एक लाख 87 हजार 500 रुपये की सहायता दी जाती है। इसी प्रकार रीढ़ की हड्डी टूटने या स्थायी अशक्तता होने पर ढाई लाख रुपये, पूरी उंगली कटने पर 75 हजार रुपये तथा आंशिक उंगली भंग होने पर 37 हजार रुपये की राशि मार्किट कमेटी के माध्यम से दी जाती है। उन्होंने बताया कि मृत्यु के मामले में आर्थिक सहायता के लिए आवेदन करने के लिए पुलिस व पोस्टमार्टम रिपोर्ट का होना जरूरी है। अशक्तता की स्थिति में प्रमाण पत्र व अंग हानि होने की स्थिति में शेष बचे हुए अंग की फोटो कॉपी आवेदन के साथ प्रस्तुत की जानी चाहिए। इसके अलावा आवेदक को दुर्घटना के दो महीने के अंदर संबंधित मार्किट कमेटी के सचिव के पास आवेदन करना होगा।