भारत रत्न डॉ अंबेडकर ने भेदभाव के खिलाफ बनाया था ‘ शिक्षा को हथियार’- राजबाला वर्मा
कालका :- भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर कालका स्थित बिटना आई.टी.आई फॉर वूमेन में एक सादा और गरिमापूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के चित्र पर आई.टी.आई स्टाफ और छात्राओं द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके पश्चात संविधान की प्रस्तावना की पालना की शपथ ली गई।
इस अवसर पर उपस्थित स्टाफ व छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए आई.टी.आई कालका की प्रधानाचार्या राजबाला वर्मा ने कहा कि भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जिस समय जन्म हुआ था उस समय देश न केवल अंग्रेजों का गुलाम था अपितु भेदभाव की बेड़ियों में भी जकड़ा हुआ था।
राजबाला ने कहा कि बाल्यकाल से ही अस्पृश्यता का दंश झेल चुके भीमराव अंबेडकर ने इस भेदभाव के खिलाफ लड़ाई का सबसे उपयुक्त हथियार शिक्षा को बनाया और समाज के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया।
प्रधानाचार्या राजबाला ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर ने मुक्त कंठ से आह्वान किया कि बेशक एक रोटी कम खाओ लेकिन अपने बच्चों को पढ़ने से मत रोको। राजबाला ने कहा कि डॉ अंबेडकर का मानना था कि अगर समाज में अपने आपको प्रतिष्ठित और सम्मानित लोगों की श्रेणी में लाना है तो ज्ञान से उपयुक्त शस्त्र कुछ भी नहीं है और ज्ञान शिक्षा से मिलता है इसलिए पढ़ो,पढ़ो और खूब पढ़ो। राजबाला ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर ने अपने बलबूते समाज में एक ऐसी क्रांति पैदा कर दी थी जिसने हजारों- लाखों लोगों के जीवन को बदल कर रख दिया था। प्रधानाचार्या ने कहा कि डॉ साहब के ज्ञान की बदौलत ही आजादी के बाद की सरकार में वह कानून मंत्री और संविधान निर्मात्री सभा के अध्यक्ष भी बने थे।उनके प्रयासों से ही 26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को संपूर्ण देश में लागू हुआ और देश की जनता को मौलिक अधिकार प्राप्त हुए थे।प्रधानाचार्या ने कहा कि डॉ भीमराव ने शिक्षा का जो दीपक जलाया था उसकी लौ से आज हजारों – लाखों दीपक प्रज्जवलित होकर समाज को रोशन कर रहे हैं ।
इस अवसर पर आई.टी.आई की छात्राओं अलका और लता ने भी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जीवन – चरित्र पर ओजस्वी विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में चंद्रलता इंस्ट्रक्टर ड्रेस मेकिंग, आई.टी. इंस्ट्रक्टर पूजा,वर्कशॉप अटेंडेंट कोमल कुमारी ,सोनम, मधु आलोक, दीपक सहित संस्थान की छात्राएं उपस्थित थी।