*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

फोर्टिस मोहाली के डॉ.रावुल जिंदल ने वैरिकाज नसों की समस्याओं से पीडि़त मरीज को नई जिंदगी प्रदान की

-एडवांस्ड उपचार प्रक्रियाएं काफी कम दर्दनाक होती हैं और अधिकांश मामलों में रोगियों को उसी दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है-

For Detailed News


पटियाला, 23 अप्रैल, 2022: पटियाला के 65 वर्षीय दलजीत सिंह अपने बाएं पैर में बाईलेट्रल वैरिकाज़ वेन्स (सूजन और टेढ़ी नसों) से पीडि़त थे, जिससे उन्हें तेज दर्द, सूजन जैसी समस्याओं के साथ जूझना पड़ रहा था। इसके साथ ही उनकी प्रभावित त्वचा के नीचे एक फैला हुआ नीला उभार हो गया था। रोगी ने अपनी इन समस्याओं के समाधान के लिए इस साल 16 मार्च को डॉ. रावुल जिंदल, डायरेक्टर, वैस्कुलर सर्जरी, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली, से संपर्क किया। जांच के दौरान एक डॉपलर अल्ट्रासाउंड स्कैन ने बाएं पैर में इम्पेयर्ड वाल्व और त्वचा के गहरा होने के बारे में पता चला, जिसे स्टेज सी 3 के रूप में जाना जाता है, जो पैरों में तीव्र सूजन (एडिमा) का प्रमुख परिणाम है।


बाईलेट्रल वैरिकाज़ नसें क्षतिग्रस्त वाल्वों के कारण सूजन और दर्दनाक नसें हैं जो रक्त को गलत दिशा में जाने देती हैं। उपचार में देरी से रोगी के पैर में पुराने अल्सर हो सकते थे। डॉ. जिंदल के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने पिछले महीने बाएं पैर की वैरिकाज़ नसों का सफल लेजर एब्लेशन किया, जिसके बाद फोम स्क्लेरोथेरेपी की गई।


लेजर एब्लेशन एक मिनिमल-इनवेसिव पेन मैनजमेंट प्रोसीजर है जो टिश्यू को नष्ट करने के लिए गर्मी का उपयोग करती है। फोम स्क्लेरोथेरेपी का उपयोग उभरी हुई वैरिकाज़ नसों और स्पाइडर नसों के इलाज के लिए किया जाता है। रोगी को फोर्टिस मोहाली में प्रभावी और सफल उपचार के बाद प्रक्रिया के उसी दिन छुट्टी दे दी गई और वे उस दिन से आसानी से चलने में सक्षम है। वे पूरी तरह से ठीक हो गए हैं और आज अपना सामान्य जीवन जी रहे हैं।


पटियाला की 65 वर्षीय परमजीत कौर भी वैरिकाज़ नसों से पीडि़त थीं, जिसके कारण उनके बाएं पैर में अत्यधिक दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन और सूजन थी। रोगी ने हाल ही में डॉ.जिंदल से मुलाकात की जहां उसके डॉपलर अल्ट्रासाउंड स्कैन में पैर के खराब वाल्व का पता चला। उन्होंने लेजेंड में सफल लेजर एब्लेशन किया और प्रक्रिया के उसी दिन छुट्टी दे दी गई। रोगी पूरी तरह से ठीक हो गया है और वे आज सामान्य जीवन जी रही हैं।

https://propertyliquid.com/


वैरिकाज़ नसों के उपचार में नवीनतम तकनीकी प्रगति के बारे में चर्चा करते हुए हुए, डॉ जिंदल ने कहा कि ‘‘आधुनिक एडवांस्ड ट्रीटमेंट विकल्प कम दर्दनाक हैं और जल्दी ठीक होने को सुनिश्चित करते हैं। प्रक्रिया में लगभग 30 मिनट लगते हैं और रोगी प्रक्रिया के एक घंटे के भीतर घर जा सकता है। इसके अलावा, रोगी को काफी कम दवाओं की जरूरत पड़ती है और उसे सिर्फ अपनी कुछ अतिरिक्त देखभाल करनी पड़ती है।’’