आदर्श आचार संहिता के दौरान कैश, शराब, हथियार और अन्य चुनाव संबंधी सामग्री पर निगरानी रखने के लिए किया गया उड़न दस्ते व स्थैतिक निगरानी टीमों (एसएसटी ) का गठन- जिला निर्वाचन अधिकारी

त्यौहारी सीजन में कोरोना से बचाव को लेकर अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण

सिरसा, 17 अक्तूबर। उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि त्यौहारी सीजन शुरू हो गया है। शनिवार से नवरात्रे लग गए हैं। इसके बाद रामनवमी, दशहरा, दिवाली सहित अन्य महत्वपूर्ण त्यौहार आएंगे। इस प्रकार से यह त्यौहारी सीजन रहने वाला है, जिसके चलते सार्वजनिक स्थानों, बाजारों आदि में भीड़ होना स्वाभाविक है। इन सबके बीच हमें कोरोना से बचाव उपायों की पालना को नहीं भूलना है बल्कि और अधिक सतर्क रहना है।  उन्होंने कहा कि त्यौहारों के चलते लोगों का बाजार में आवगमन अधिक बढ़ेगा, जिसके कारण कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका भी रहेगी। आमजन को स्वयं का बचाव करते हुए संक्रमण के फैलाव को रोकना है। बाजार या सार्वजनिक जगह पर होने पर मूंह पर मॉस्क जरूर लगाकर रखें।

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जितना संभव हो सके भीड़-भाड़ से दूर रहें। एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखें। उन्होंने कहा कि यदि ईमानदारी से सभी मॉस्क व एक-दूसरे से दूरी के नियमों पालना करेंगे तो अवश्य ही संक्रमण नहीं फैलेगा और सभी का बचाव भी इसी में निहित है।  उपायुक्त ने कहा कि त्यौहारों का हमारे जीवन में बड़ा ही महत्व है। लेकिन कोरोनाकाल के बीच इन त्यौहारों को हमें कुछ सावधानियां व नियमों की पालना करते हुए मनाना है। त्यौहारों के अवसर पर लोग बाजारों में खरीददारी अधिक करते हैं, जिससे भीड़ बढना स्वाभाविक होता है। आमजन को स्वयं अपना बचाव करना है और भीड़-भाड़ नहीं करनी है। सामान खरीददते समय या कहीं पर भी सार्वजनिक स्थान पर खड़े हों, तो एक दूसरे से कम से कम दो गज की दूरी पर रहें। उन्होंने कहा कि मॉस्क लगाना नहीं भूलना है। जब तक इस बीमारी की दवाई नहीं आती है, तब तक मॉस्क इससे बचाव का अचूक उपाय है। इसलिए मॉस्क को तो अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें। मॉस्क लगाकर हम इस बीमारी से काफी हद तक बच सकते हैं।पर्यावरण सरंक्षण में बनें सब सहयोगी :  उपायुक्त ने कहा कि पर्यावरण का स्वच्छ होना हम सभी के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही जरूरी है। कोरोनाकाल में तो यह और भी अधिक जरूरी हो जाता है। जितना हमारा पर्यावरण स्वच्छ होगा, उतना ही हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे। पर्यावरण को स्वच्छ रखना किसी एक विशेष की आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह सभी मानव जाति की सामूहिक जरूरत है। इसलिए सामूहिक योगदान से ही पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में मजबूती के साथ आगे बढा जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसान भाई पराली जलाने की बजाए इसका उचित प्रबंधन करें। सरकार ने किसानों को विकल्प के तौर पर पराली प्रबंधन के लिए कृषि उपकरण सब्सिडी पर उपलब्ध करवाएं हैं। किसानों को चाहिए कि वे इनका इस्तेमाल करें। किसानों को समझना होगा कि पराली जलाने से उठने वाले धुंए से न केवल लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है, बल्कि भूमि की उर्वरा शक्ति भी धीरे-धीरे खत्म होती रहती है। उन्होंने कहा कि किसानों को जागरूक होना होगा और अपने व आने वाली पीढी के स्वास्थ्य के बारे में विचार करना होगा। यदि हमें अब भी इस ओर ध्यान नहीं दिया तो आने वाली पीढियां हमें कभी माफ नहीं कर पाएंगी। अभी से इन समस्याओं के समाधान की दिशा में कार्य करते हुए आगे बढना होगा।

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