जिले में जन्म के समय लिंगानुपात में 37 अंकों की वृद्धि, पहुंचा 951: सिविल सर्जन
पंचकूला, 3 अक्तूबर – सिविल सर्जन पंचकूला डॉ. मुक्ता कुमार ने बताया कि जनवरी से सितंबर 2025 के बीच जिले में जन्म के समय लिंगानुपात बढ़कर 951 हो गया है, जबकि इसी अवधि में 2024 में यह 914 था। यह 37 अंकों की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह सुधार पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के प्रभावी प्रवर्तन, सामुदायिक जागरूकता और जिला प्रशासन के समन्वित प्रयासों का प्रतिफल है।
डॉ. मुक्ता कुमार ने यह जानकारी आज अपने कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान दी। उन्होंने पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई और जिले में लिंगानुपात की स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी।
137 पीएनडीटी और 46 एमटीपी केंद्रों का निरीक्षण
उन्होंने बताया कि सितंबर 2025 तक जिले में 57 पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्र और 33 पंजीकृत एमटीपी केंद्र हैं। पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के तहत 137 पीएनडीटी और 46 एमटीपी केंद्रों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान 11 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए—जिनमें से 7 पीसी-पीएनडीटी और 4 एमटीपी अधिनियम के अंतर्गत थे। इसके अतिरिक्त, 20 एमटीपी केंद्रों के लाइसेंस रद्द किए गए।
अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित निगरानी
सिविल सर्जन ने बताया कि अधिनियमों के अनुपालन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु नियमित औचक निरीक्षण और फील्ड ऑडिट किए जा रहे हैं। साथ ही, अवैध गतिविधियों की सूचना देने वालों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर को 1,00,000 रुपये और डिकॉय ग्राहक को 25,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जबकि एमटीपी अधिनियम के अंतर्गत यह राशि क्रमशः 10,000 रुपए और 25,000 रुपये है। सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाती है।
कन्या संतान के अधिकारों की रक्षा हेतु प्रतिबद्धता
डॉ. मुक्ता कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन पीसी-पीएनडीटी अधिनियम के कड़े प्रवर्तन, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने तथा कन्या संतान के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।