*MC Chandigarh forms 18 flood control teams and 7 control rooms for monsoon preparedness*

जिला स्तरीय कष्ट निवारण एवं क्लीयरैंस कमेटी की मासिक बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उद्योग लगाने के लिए आने वाले आवेदन पत्रों पर तुरंत कार्यवाही करें।

सिरसा, 28 नवंबर।

जिला स्तरीय कष्ट निवारण एवं क्लीयरैंस कमेटी की मासिक बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उद्योग लगाने के लिए आने वाले आवेदन पत्रों पर तुरंत कार्यवाही करें।


                उपमंडल अधिकारी ना. जयवीर यादव ने जिला स्तरीय कष्ट निवारण एवं क्लीयरैंस कमेटी की मासिक बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उद्योग लगाने के लिए आने वाले आवेदन पत्रों पर तुरंत कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि उद्योग लगाने वाली फर्म के कोई भी कागजात कम है तो उन्हें तुरंत बताएं। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि उद्योग विभाग के पोर्टल पर आने वाले आवेदन पत्रों पर संबंधित विभाग तुरंत जवाब दें। अगर प्रार्थी का आवेदन सही है व सभी नियम व शर्तें पूरी करता है तो उसे तुरंत एनओसी या सीएलयू उपलब्ध करवाएं।

जिला स्तरीय कष्ट निवारण एवं क्लीयरैंस कमेटी की मासिक बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उद्योग लगाने के लिए आने वाले आवेदन पत्रों पर तुरंत कार्यवाही करें।


                एसडीएम की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिला स्तरीय कमेटी में डीएलसीसी तथा डीएलजीसी के कंपोजिट प्रार्थना पत्रों पर चर्चा की गई। उन्होंने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागाध्यक्ष को आवश्यक दिशा निर्देश दिये ताकि समस्याओं का समाधान तुरंत करें तथा आगामी मासिक बैठक तक उक्त आवेदनों पर तुरंत कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि आवेदक हरियाणा इंटरप्राईज प्रमोशन पॉलिसी के तहत ऑनलाइन इंवेस्टर हरियाणा पोर्टल पर आवेदन करते हैं। यह सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम है, जिसके तहत विभागों द्वारा 30 दिनों के अंदर-अंदर आवेदन को क्लियर करना होता है। उन्होंने बताया कि एक एकड़ व 10 करोड़ तक के प्रोजेक्ट की स्वीकृति डिस्ट्रिक लेवल पर एक एकड़ अधिक व 10 करोड़ से उपर के प्रोजेक्ट की स्वीकृति इंपावर कार्यकारी समिति पंचकूला द्वारा स्वीकृत किए जाते हैं। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों से कहा कि वे अपनी अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द पोर्टल पर अपलोड करें।


                उन्होंने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद से कहा कि वे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लगे टावरों की विस्तृत रिपोर्ट दें। उन्होंने कहा कि यह अवश्य सुनिश्चित करें कि कोई भी टावर जिला में कहीं भी लगता है तो ग्रामीण क्षेत्र में डीडीपीओ व शहरी क्षेत्र में नगर परिषद के ईओ यह सुनिश्चित करें कि नए टावर जहां लगें उससे संबंधित पूरी रिपोर्ट (सरकारी, पंचायती अथवा प्राईवेट जमीन पर हो) पहले ले लें, उसके बाद टावर लगाने की स्वीकृति प्रदान करें।


                उप निदेशक जिला उद्योग केंद्र गुरप्रताप सिंह ने बताया कि किसी भी विभाग को उद्योग विभाग द्वारा आवेदन भेजे जा रहे हैं। अगर वे उनके पोर्टल पर विजिबल नहीं हो रहे हैं तो वे उद्योग विभाग में आकर चैक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले आवेदन पत्रों में जो भी कार्यवाही हो रही है, उसकी रिपोर्ट में जरुर टिप्पणी करें। उन्होंने बताया कि जिला उद्योग केंद्र द्वारा उद्योगों के लिए सहुलियत प्रदान करने के लिए समय-समय पर आमजन को जागरुक किया जा रहा है।

Watch This Video Till End….