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जिला को नशा मुक्त करने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध : उपायुक्त

सिरसा, 28 अगस्त।


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने कहा कि जिला को नशा मुक्त करने के लिए अभियान के रूप में कार्य किया जाएगा। इसके लिए नशा मुक्त भारत अभियान के तहत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें से बहुत सी गतिविधियां शुरू भी कर दी हैं। इस अभियान का उद्ेश्य जिला से नशे को जड़मूल से खत्म कर नशा पीडि़त लोगों को समाज की मुख्यधारा में जोड़कर एक सभ्य समाज का निर्माण करना है।

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उन्होंने कहा कि नशा को खत्म करने के उद्ेश्य से सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर नशा मुक्त भारत अभियान की शुरूआत की थी, जोअगले वर्ष मार्च तक चलेगा। अभियान के तहत देश के जिन 272 जिलों को चिन्हित किया गया है, उनमें सिरसा जिला भी शामिल है। इसी कड़ी में अभियान के तहत जिला में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अभियान में सभी का सहयोग लिया जाएगा ताकि जिला से नशा को जड़मूल से खत्म किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा नशा मुक्ति की दिशा में गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। इसी उद्ेश्य के तहत पिछले एक वर्ष में नशा सप्लाई से जुड़े 500 से अधिक लोगों पर कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया है। जिला प्रशासन पुलिस के साथ मिलकर नशा के खिलाफ पूरी तन्मयता के साथ कार्य कर रहा है। सिरसा को नशा मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।


युवा क्लबों की टीमें की जाएंगी गठित :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि सिरसा जिला पंजाब सीमा के साथ लगता है, जिसके कारण यहां पर नशे की तस्करी होती है। नशा तस्करों व इसकी सप्लाई करने वालों लगाम लगाना बेहद जरूरी है। इसके लिए युवा क्लबों को नशा मुक्ति अभियान के साथ जोड़ा जाएगा। युवा क्लबों की टीमें बनाई जाएंगी। ये टीमें नशे का व्यापार करने या नशा सप्लाई करने वाले लोगों के बारे में सीधे पुलिस व जिला प्रशासन को सूूचित करेंगी ताकि ऐसे लोगों पर त्वरित कार्रवाई की जा सके और नशा की सप्लाई पर पूर्णत: रोक लगाई जा सके। सूचना देने वाला का नाम गुप्त रखा जाएगा।  

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नशा के प्रति जागरूकता के लिए अधिकारी गांव को लेेंगे गोद :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी एक-एक गांव गोद लेंगे और ग्रामीणों को नशे के प्रति जागरूक करेंगे। इसके लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जिला का कोई भी एक गांव गोद लें और समय-समय पर वहां पर जाकर ग्रामीणों को नशा प्रवृति के नुकसान व इसकी दलदल से निकलने बारे जागरूक करें।

ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की कमेटी होगी गठित :


उपायुक्त ने कहा कि नशा मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए महिलाओं को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा। इसके लिए प्रत्येक गांव में महिलाओं की कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी में केवल महिला सदस्य ही शामिल होंगी। कमेटी महिला सदस्य गांव में उन घरों के परिवारों को जागरूक करेंगी, जिस परिवार का कोई सदस्य नशे का शिकार है, जिसके कारण पूरा परिवार परेशान है और दिक्कतों का सामना कर रहा है। ऐसे परिवारों को महिलाएं जागरूक करेंगी और नशा छोडऩे के लिए प्रेरित करेंगी। इसके अलावा आंगनवाड़ी वर्कर का भी सहयोग लिया जाएगा, जो गांव में लोगों को नशा न करने के लिए प्रेरित करेंगी।


अध्यापक व स्काउट गाइड बसों में यात्रियों को देंगे नशा न करने का संदेश :


उपायुक्त ने कहा कि नशा मुक्ति अभियान में मुख्याध्यापकों व स्काउट गाइड को भी जोड़ा गया है। इनका कार्य बसों में यात्रियों को नशा के दुष्प्रभावों व इसकी लत से बाहर निकलने के लिए जागरूक करना है। प्रत्येक दिन प्रशासन द्वारा अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इसी कड़ी में आज स्कूलों व महाविद्यालयों प्रिंसिपल, मुख्यध्यपकों व स्काउट गाइड द्वारा हरियाणा रोडवेज की बसों में यात्रियों को नशे से परिवार, समाज व देश पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों के बारे में अवगत करवाया गया है। इसी प्रकार सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को नशा न करने के लिए जागरुक किया जा रहा है।


नशा मुक्त अभियान में लिया जाएगा सभी का सहयोग :


उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि नशा को जड़मूल से खत्म करने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। इसलिए अभियान के साथ सभी का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने बताया कि अभियान में जिला के सभी सरपंचों, नंबरदारों, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं व युवा क्लबों को जोड़ा जा रहा है। इस मुहिम में समाज के प्रत्येक वर्ग का सहयोग लिया जा रहा है।

50 बिस्तर वाले सैंटर के लिए सरकार को भेजा प्रस्ताव :


उपायुक्त ने बताया कि नशा छुड़वाने के उद्देश्य से दो सैंटर शुरु किए गए हैं। इनमें एक सैंटर में नशा के बारे में जागरूक किया जाता है। एक सैंटर में नशा ग्रस्त लोगों को नशा छुड़वाने के साथ उन्हें नशा के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में एक 50 बिस्तर का सैंटर बनाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि उसमें ड्रग्स ग्रसित लोगों का इलाज करवाया जा सके।