कोरोना के लक्षण दिखते ही करवाएं जांच, उपचार में देरी होती है घातक सिद्ध : उपायुक्त
कोरोना बचाव नियमों की उल्लंघना से बढ रहा संक्रमण, मृत्यु दर में भी हो रही वृद्धि
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने कहा कि लोग कोरोना को लेकर लापरवाह हो रहे हैं। संक्रमण बचाव के लिए मॉस्क कारगर उपाय है, लेकिन लोग इसकी गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। बचाव नियमों की उल्लंघना व लोगों का लक्षण दिखने पर बिना देरी किए जांच व उपचार नहीं करवाना से संक्रमण का फैलाव दिन प्रति दिन बढ रहा है। संक्रमण फैलाव में बढोतरी से ही मृत्यु दर बढ रहा है। इसलिए आमजन कोरोन संक्रमण नियंत्रण में प्रशासन का सहयोग करें और संक्रमण के थोड़े से भी लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत अपनी जांच करवाएं। यदि समय पर कोरोना होने का पता चलने के साथ उपचार किया जाए तो इसका इलाज संभव है। इसके साथ ही संक्रमण बचाव के उपाय जैसे की मॉस्क, बार-बार हाथ धोना, सोशल डिस्टेसिंग आदि का सही ढंग से व कड़ाई के साथ अनुपालना करें।
उन्होंने बताया कि आमजन कोरोना बीमारी की गंभीरता को समझें, इसके प्रति लापरवाही न बनें। कोरोना से घबराएं ना बल्कि सजग होते हुए इससे बचाव के उपायों को नियमित रूप से अपनाएं। जब लोग पहले लोग स्वयं आगे आकर जांच करवाते थे, तो मृत्यु दर कम थी। जब से लोगों रिपोर्टिंग करने में देरी की है, जिला में मृत्यु दर बढ़ा है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे प्रारंभिक लक्षण दिखने पर ही अपनी जांच करवाएं। यदि समय पर उपचार करवा लिया जाए तो मृत्यु दर कम होने के साथ-साथ संक्रमण का फैलाव भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग यह समझते हैं कि यदि उन्हें जांच करवाई तो उन्हें होम क्वारंटाइन या अस्पताल में दाखिल कर लिया जाएगा। लोगों का ऐसा सोचना बिल्कुल ही गलत है और यही सोच संक्रमण के फैलने का कारण भी बन रही है। जांच का उद्ेश्य कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान के साथ-साथ उसका समय पर इलाज करना है। इसलिए बिना किसी डर के लक्षण दिखते ही अपनी जांच करवाएं और प्रशासन के संक्रमण नियंत्रण कार्य के सहयोगी बनें।
जेल से लिए 841 सैंपल, ढाबों तथा रेस्टोरेंट में भी की जाएगी सैंपलिंग :
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने बताया कि कोरोना संक्रमण नियंत्रण के लिए सैंपलिंग कार्य में तेजी लाई जाएगी। इसी कड़ी में जेल से अब तक 841 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि शहर के ढाबों, रेस्टोरेंट व रेहड़ी चालकों के भी सैंपल लिए जाएंगे, ताकि समय रहते संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उसका उपचार किया जा सके।