कोरोना और नशे के खात्मे में अग्रणी भूमिका निभाएं युवा : उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण
नशे में ग्रस्त मासूमों को मुख्यधारा में लाने के लिए अपनी ऊर्जा लगाएं युवा : उपायुक्त
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण ने कहा कि आज हमारे सामने कोरोना महामारी और जिला में नशे का फैलाव दो गंभीर चुनौतियां है और इन चुनौतियों से निपटने के लिए समाज के हर वर्ग को अपना सम्पूर्ण सहयोग देना होगा तभी इन पर काबू पाया जा सकता है। जिला को नशा मुक्त बनाने में युवा वर्ग अपनी सार्थक भूमिका निभाते हुए अहम योगदान दे सकता है। युवा साथी नशे के जाल में ग्रस्त मासूमों को दोस्त बनकर समझाएं और नशे के दूष्परिणामों के बारे में बताएं ताकि ऐसे युवाओं को नशे से मुक्ति दिलाते हुए समाज की मुख्य धारा में लाया जा सके और वे स्वस्थ जीवन जी सकें।
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ाण मंगलवार को स्थानीय पंचायत भवन में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत नेहरु युवा केंद्र व एंटी क्रप्शन महिला विंग के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर डीएसपी संजय कुमार, सिविल सर्जन सुरेंद्र नैन, जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेश बत्रा सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे। उपायुक्त ने कहा कि नशा बेचने वाले समाज के दुश्मन है और ऐसे लोगों से सजग रहने की जरुरत है, क्योंकि ऐसे लोग मासूम युवाओं को नशे की लत में डाल कर समाज को खोखला बना रहे हैं। नशे की लत में पड़े युवा दिशाहीन होकर अपने शरीर के साथ-साथ परिवार व समाज का भी नुकसान कर रहे हैं। युवा शक्ति अपनी ऊर्जा का सही उपयोग करते हुए न केवल नशे से ग्रस्त युवा को नशे से छुटकारा दिलाने के लिए प्रेरित करें बल्कि नशा बेचने वालों की सूचना पुलिस प्रशासन के टोल फ्री नंबर 88140-11620, 88140-11624 व 88140-11675 पर दें।
उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि आज का युवा आनंद की परिभाषा को भूल गया है। अंजाने में युवा नशे को आनंद समझते हुए नशे का उपयोग करता है लेकिन नशे का आदि होने पर वह अपने परिवार को तबाही के रास्ते पर धकेल देता है। इसके साथ-साथ दिन प्रतिदिन समाज में बढ़ रहे अपराध का मुख्य कारण भी नशा ही है। नशे की लत का शिकार व्यक्ति नशे के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगा कर अपराध की दिशा में चला जाता है। नेहरु युवा क्लब के सदस्य ऐसे भटके युवाओं का रुख बदलते हुए स्वस्थ समाज के निर्माण का रास्ता दिखाएं और लग्र व मेहनत से इस अभियान में अपना सम्पूर्ण योगदान दें। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को नशे के दूष्परिणामों के बारे में बताते हुए प्यार से संवाद करें और उन्हें शिक्षा, खेल के साथ-साथ साहित्य का महत्व बताते हुए जीवन में आगे बढऩे के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि प्रचार के दौरान युवा ऐसे लोगों को भी शामिल करें, जो नशा छोड़ कर सामान्य जीवन जी रहे हैं ताकि अन्यों के लिए वे प्रेरणा स्त्रोत बन सके। नशा छोडऩे वाले व्यक्ति लोगों को नशे के दुष्परिणाम व आपबीती बताएं जिससे लोग स्वयं, परिवार व समाज को नशे से होने वाले नुकसान की गंभीरता को समझें।
जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए मेहतन व लग्र से निभाएं अपना दायित्व : उपायुक्त बिढ़ाण
उपायुक्त बिढ़ाण ने कहा कि युवाओं में नशे का बढ़ता हुआ रुझान बेहद चिंता का विषय है। नेहरु युवा केंद्र के युवा एक-एक गांव का चयन कर लोगों को जागरुक करें। एक युवा अगर दस लोगों को नशे के दुष्परिणाम बताते हुए जागरुक करेगा और वे दस युवा आगे लोगों को जागरुक करेंगे तो एक कड़ी के रुप में हम जिला के प्रत्येक व्यक्ति को जागरुक कर पाएंगे और निसंदेह जिला को नशा मुक्त बनाने में कामयाब होंगे। युवा शक्ति नशे के जाल में फंसे मासूम युवाओं को इलाज के लिए प्रेरित करें और उन्हें जिला के नशा मुक्ति केंद्रों में लेकर आएं। प्रशासन का यह प्रयास है कि जिला में और भी नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए जाएं ताकि युवाओं को नशे की लत छुड़वाई जा सके। नशा मुक्त अभियान में अग्रणीय भूमिका निभाने वाले युवा व क्लबों को जिला प्रशासन द्वारा प्रोत्साहन राशि के साथ-साथ विशेष रुप से सम्मानित किया जाएगा।
कोरोना की गंभीरता के बारे में भी लोगों को जागरुक करें युवा शक्ति : उपायुक्त
उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए जागरुकता के साथ-साथ युवा क्लब लोगों को कोरोना संक्रमण के बचाव के बारे में भी जागरुक करें। उन्होंने कहा कि पहले लोग कोरोना के प्रति अधिक संवेदनशील थे लेकिन जैसे-जैसे आवागमन बढ़ा है, कोरोना संक्रमण का फैलाव बढ़ रहा है, साथ ही लोगों ने इसे गंभीरता से लेना बंद कर दिया है। उन्होंने जिलावासियों से गुजारिश की कि वे कोरोना के शुरुआती लक्षण के दौरान ही अपनी जांच करवाएं, इसमें किसी प्रकार की देरी न करें। समय पर अगर इसका इलाज करवाया जाए तो इससे न केवल बचा जा सकता है बल्कि इसके फैलाव को भी रोका जा सकता है। कोरोना के लक्षण दिखने पर तुरंत सामान्य अस्पताल में जाकर अपनी सैंपलिंग करवाएं और इलाज में सहयोग करे। इलाज में लापरवाही का परिणाम है कि जिला में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे के साथ-साथ मृत्यु दर भी बढ़ी है। नागरिक छोटी सी लापरवाही से अपना व दूसरों का जीवन संकट में न डालें। उन्होंने कहा कि बीमारी को छुपाना गलत है, क्योंकि इलाज में की गई देरी खतरनाक रुप धारण कर सकती है। घर से बाहर जाते समय मास्क जरुरी लगाएं और दूसरे व्यक्ति से कम से कम छह फिट की दूरी बना कर रखें। घर वापस लौटने पर सीधे अपने परिवार के पास जाने की बजाय पहले नहा-धोकर ही परिवार के अन्य सदस्यों से मिले, इस प्रकार के नियमों की पालना कर कोरोना से बचा जा सकता है।