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*कुशल बिजनेस चैलेंज से हरियाणा में छात्र बनेंगे नौकरीदाता*

संयुक्त राज्य परियोजना निदेशक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पंचकूला के विभिन्न व्यवसायिक प्रशिक्षण पढ़ रहे विद्यार्थियों से बातचीत की*

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पंचकूला, 29 नवम्बर – हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की क्रांतिकारी पहल कुशल बिजनेस चैलेंज एक-एक अनुकरणीय कदम साबित हो रहा है। जिसके तहत हरियाणा में छात्र नौकरीदाता बन रहे हैं।

संयुक्त राज्य परियोजना निदेशक डा. मयंक वर्मा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पंचकूला के विभिन्न व्यवसायिक प्रशिक्षण पढ़ रहे विद्यार्थियों से बातचीत की और जिसमें उन्होंने सुझाव दिया कि जिस प्रकार से मोरनी के विद्यार्थी सब्जियों पर काम कर रहे, उन्हें जीआई टैग लेना कितना अनिवार्य है। साबुन पर काम रही टीम को उनके औषधीय मूल्य को जोड़कर सरकार मानकों के अनुसार बनाने की सलाह दी। इसी प्रकार कारों के लिए रासायनिक और पार्किंग समस्या के लिए काम कर रही टीम को क्यूआर कोड पर और अधिक बेहतर बनाने का सुझाव दिया।

संयुक्त राज्य परियोजना निदेशक डा. मयंक वर्मा ने बताया कि हरियाणा सरकार ने छात्रों में उद्यमशीलता की भावना विकसित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुशल बिजनेस चैलेंज नामक एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम 24 अक्टूबर 2024 को लॉन्च किया गया था। जिसमें 1,000 से अधिक खास प्रतिभागियों, जिनमें अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी), जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी), और राज्य के सभी 22 जिलों के व्यावसायिक स्कूलों के प्रधानाचार्यां ने हिस्सा लिया।

उन्होंने बताया कि इस खास कार्यक्रम का नेतृत्व हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों के छात्रों के भीतर छिपे व्यावसायिक कौशल को निखारकर नौकरी चाहने वाले से नौकरी देने वाला बनाने की दिशा में प्रेरित करना है। यह पहल हरियाणा सरकार की युवाओं को आत्मनिर्भर और नवाचारी बनाने की व्यापक दृष्टि का हिस्सा है।

संयुक्त राज्य परियोजना निदेशक ने बताया कि कुशल बिजनेस चैलेंज का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों के 12वीं कक्षा के व्यावसायिक छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जहां वे अपने व्यावसायिक विचार प्रस्तुत कर सकें और उन्हें व्यावहारिक रूप में लागू करने के लिए मार्गदर्शन और सहायता प्राप्त कर सकें।

उन्होंने बताया कि 22 जिलों के 1,062 सरकारी स्कूलों से 19,000 छात्रों ने केवल तीन सप्ताह में इस कार्यक्रम के लिए पंजीकरण कराया है। अब तक 5,000 व्यावसायिक विचारों की पहचान की गई है, जो राज्य के युवाओं की नवाचारी क्षमता को दर्शाते हैं।

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