National Seminar on “India's Internal Threats and the Role of Security Forces

उपायुक्त – भवन विद्यालय में आयोजित जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत करते हुए।

पंचकूला, 16 अप्रैल-

उपायुक्त डाॅ0 बलकार सिंह ने कहा कि सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास के लिये बच्चों को शिक्षा के साथ साथ खेल व अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल केवल शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिये जरूरी नहीं हैं बल्कि पिछले दशकों में खेल को केरियर के रूप में अपनाने की संभावनायें भी काफी विस्तृत हुई है। 

उपायुक्त आज सेक्टर-15 स्थित भवन विद्यालय में जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत करने उपरांत प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। 17 वर्ष व 11 वर्ष से कम आयु वर्ग में लड़को व लड़कियों के लिये आयोजित इस प्रतियोगिता में 13 विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। 

डाॅ0 बलकार सिंह ने कहा कि भारत में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है केवल उन्हें उपयुक्त अवसर देने व प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के साथ सटा हुआ जिला होने के कारण पंचकूला में भी शिक्षा, खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों के लिये बच्चों के पास उपयुक्त वातारण उपलब्ध है और उन्हें इसका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शतरंज शारीरिक व्यायाम से अधिक मानसिक व्यायाम का खेल है, जिससे बच्चों की एकाग्रता, धैर्य और मानसिक दक्षता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों के साथ साथ अभिभावक भी बच्चों को खेलों के साथ जुड़ने के लिये प्रेरित और प्रोत्साहित करें। 

इस मौके पर वाईस प्रिंसीपल सोनिया पब्बी सहित अन्य अध्यापक और प्रतिभागी, विद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे। 

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