*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

अनुसूचित जाति उप योजना के तहत दो दिवसीय मत्स्य पालन कार्यशाला में पहले दिन लगभग 50 व्यक्तियों ने प्राप्त किया प्रशिक्षण

– अधिकारियों ने मत्स्य पालन, मछली आहार व्यवस्था, रोगों व रोजगार संभावनाओं की दी जानकारी


सिरसा, 24 मार्च।

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केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान रोहतक के तत्वावधान में वीरवार को स्थानीय जिला मत्स्य कार्यालय में अनुसूचित जाति उप योजना के तहत दो दिवसीय मत्स्य पालन (मीठा पानी) प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में निदेशक मत्स्य विभाग धर्मेंद्र बुधवार, निदेशक सीएफआई डा. रविशंकर, केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान रोहतक केंद्र की ओर से प्रभारी अधिकारी वी. हरि कृष्णा, जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र मौजूद थे। इस अवसर पर लगभग 50 व्यक्तियों ने मत्स्य पालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया।


कार्यशाला में प्रभारी अधिकारी वी. हरि कृष्णा व तकनीकी अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने मत्स्य किसानों को मत्स्य पालन, मछली आहार व्यवस्था, मछली में होने वाले रोगों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किसानों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के भी जवाब दिए।

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जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र ने कार्यशाला में आए व्यक्तियों को केंद्र व राज्य मत्स्य पालन योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला के अंतर्गत आए किसानों को 200 किलो मछली आहार भी आवंटित किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य अनुसूचित जाति में मत्स्य पालन को अधिक से अधिक बढ़ावा देना है ताकि युवा मत्स्य पालन व्यवसाय को अपना कर स्वरोजगार शुरु कर सके। उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना है और इसी क्रम में मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक व प्रोटीन बेस फीड का मत्स्य पालन में प्रयोग करके मत्स्य किसान अच्छा मुनाफा कमा कर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन व्यवसाय रोजगार सृजन में भी सहायक है।