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अध्यापक विद्यार्थियों में नशा व जल संरक्षण के लिए लाए जागृति : डीसी अशोक गर्ग

सिरसा 20 जुलाई।

समाज के सबसे बड़े रचनाकार होते है अध्यापक : अशोक गर्ग


                    उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के जीवनकाल में उसके विद्यार्थी जीवन का बहुत प्रभाव पड़ता है और व्यक्तित्व विकास में अध्यापक का महत्वपूर्ण योगदान होता है।

नशा समाज के लिए बड़ा चैलेंज, अध्यापक लाएं विद्यार्थियों में जागृति : उपायुक्त 


                    वे आज स्थानीय सीडीएलयू के ऑडिटोरियम में नशा विरोधी अभियान व जल शक्ति अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में जिला के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्राचार्यों व अध्यापकों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अरुण सिंह, सीईओ जिला परिषद जयवीर यादव, उप पुलिस अधीक्षक आर्यन, जिला वन अधिकारी राम कुमार, उप जिला शिक्षा अधिकारी पवन सुथार मौजूद थे।

सीडीएलयू के ऑडिटोरियम में नशा विरोधी व जल शक्ति अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में स्कूलों व महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने लिया भाग


                      उपायुक्त ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा चलाए गए जल शक्ति अभियान में स्कूलों की अहम भूमिका है। मॉनसून सत्र के दौरान तीन माह तक चलने वाले इस अभियान में स्कूलों व महाविद्यालयों को जल संरक्षण व पौधारोपण पर विशेष ध्यान देना है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जल संकट एक विकट समस्या बनने जा रहा है, यदि अब सुधार नहीं किया गया तो आने वाली पीढियों को बड़े संकट का सामना करना पड़ेगा। नशे की समस्या पर बोलते हुए उपायुक्त ने कहा कि अध्यापक का विद्यार्थियों से केवल शिक्षा के लिए एक तरफा ही संवाद न हो, इसके साथ-साथ वे विद्यार्थियों से अन्य विषयों पर भी चर्चा करें। नशा समाज के लिए एक बड़ा चैलेंज है। 


उन्होंने कहा कि बच्चों का अध्यापकों से जुड़ाव अधिक होता है, इसलिए अध्यापकों की और अधिक जिम्मेवारी बन जाती है कि वे बच्चों को नशे से बचाएं तथा उन्हें नशे से होने वाले कुप्रभावों के बारे में जानकारी दें। इसके अलावा अध्यापक समाज के भी काफी करीब होते हैं। उन्होंने कहा कि समाज की रचना में अध्यापक का सबसे अधिक महत्वपूर्ण रोल होता है, एक अध्यापक ही मानव के जीवन की रचना करता है और उसे उसके लक्ष्य के लिए प्रेरित करता है।   उन्होंने सभी प्राचार्यों से अपील की कि वे विद्यार्थियों अधिक से अधिक पौधारोपण व जल संरक्षण की भावना पैदा करें। 


                      पुलिस अधीक्षक डा. अरुण सिंह ने कहा कि कोई भी व्यक्ति डाक्टर, वकील, पुलिस अथवा अन्य प्रशासनिक पद पर पहुंचता है तो उसमें अध्यापक की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों की जिम्मेवारी बनती है कि वे विद्यार्थियों नशे से दूर रहने के लिए जागरुक करें। उन्होंने बताया कि हाल ही में जिला के गांव गुडियाखेड़ा में ग्रामीणों ने अपने स्तर पर नशा विरोधी टीम का गठन किया है जोकि बहुत ही सराहनीय कदम है। उन्होंने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति नशा सप्लाई में संलिप्त है तो उसकी सूचना टोल फ्री नम्बर 88140-11620, 88140-11624 व 88140-11675 पर दी जा सकती है, सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि नशे में संलिप्त व्यक्ति के विरुद्ध तुरंत कार्यवाही की जाएगी। 


                      सीईओ जिला परिषद जयवीर यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा देश के 256 जिले चिह्निïत किये गए हैं जहां का भू-जल स्तर बहुत ही कम हैं। इनमें सिरसा जिला सहित प्रदेश के 18 अन्य जिले भी शामिल हैं। उन्होंने जल संरक्षण के लिए विभिन्न 5 बिंदू जिनमेंजल संरक्षण एवं रेन वाटर हारवेस्टिंग, तालाबों व टेंकों का जीर्णोदार कर उनका पुन: उपयोग, बोरवैल का प्रयोग, अधिक से अधिक पौधारोपण व वॉटरशैड डिवेलपमैंट के बारे में विस्तृत जानकारी दी। 


                      जिला वन अधिकारी राम कुमार ने बताया कि जिला सिरसा में वन विभाग की 11 नर्सरियां बनाई गई हैं जिनमें गांव भावदीन, नहराणा, नाथूसरी, जीवन नगर, ओटू, उमेदपुरा, डबवाली, खुईयां, कालांवाली, दौलतपुर खेड़ा व खैरेकां की नर्सरियां शामिल हैं। इन नर्सरियों से पौधे प्राप्त किये जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा प्रत्येक गांव में 500 पौधे वितरित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि पौधगिरी अभियान के तहत कक्षा 6 से 12 के विद्यार्थियों से पौधारोपण करवाया जा रहा है तथा उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। इसके अलावा विभाग द्वारा साथ ही सड़कों, राजमार्गों, स्कूलों, ग्राम पंचायतों में भी मॉनसून सीजन के दौरान पौधारोपण करवाया जा रहा है। 


                      इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों व महाविद्यालय के अध्यापकों ने पौधारोपण व जल संरक्षण के लिए किये गए प्रयासों में अपने अनुभव भी सांझा किये।

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