*MC Chandigarh takes action against encroachments in Sector 15 Patel Market*

अक्षय तृतीय के दिन बाल विवाह रोकने के लिए अधिकारियों की टीम गठित – उपायुक्त

18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह करना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध – श्री यश गर्ग

उपायुक्त ने करी अपील, बाल विवाह की जानकारी होने पर तुरंत सूचना दे जिलावासी

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पंचकूला, 4 मई – उपायुक्त श्री यश गर्ग ने बताया कि 10 मई को अक्षय तृतीया है, इस दिन बाल विवाह अधिक संख्या में होते है जोकि एक दंडनीय अपराध है। इस प्रकार की शादी गैर कानूनी व अमान्य मानी जाती हैं।


उन्होंने बताया कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता है या करने में उसकी किसी भी प्रकार से सहायता करता है उसे 2 साल तक की कैद या 1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। जिला में बाल विवाह की सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग के बाल विवाह निषेध अधिकारी को या हेल्पलाइन नंबर 181, 112 और 1098 पर दे सकते है।


श्री यश गर्ग ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए एसीपी पंचकूला, बाल विवाह निषेध अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, सीडब्ल्यूसी चेयरमैन, श्रम विभाग के अधिकारियों की टीम गठित की गई है जो जिला में अक्ष्य तृतीय के अवसर पर बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय रहेगी।


उपायुक्त ने कहा कि अक्ष्य तृतीय के पवित्र दिन अनेक धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते है और इस दिन सामूहिक बाल विवाह के आयोजनों की भी संभावना होती है। उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह करना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है। ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता है या उसकी सहायता करता है, को 2 साल तक की कड़ी कैद या एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।


श्री यश गर्ग ने बताया कि बाल विवाह से जहां बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण पर बुरा असर पड़ता है वहीं बच्चों के उत्पीड़न व शोषण को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह से बच्चों की शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर समाप्त होते है और मातृत्व मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती है।
उपायक्त ने अपील करते हुए कहा कि यदि किसी भी जिलावासी को अपने आस-पास बाल विवाह होने की जानकारी मिलती है तो वे तुरंत इसकी सूचना चाईल्ड हेल्पलाईन नंबर 1098, पुलिस हेल्पलाईन नंबर 112 और महिला एवं बाल विकास हेल्पलाईन नंबर 181 पर दें ताकि बाल विवाह को रूकवाया जा सके और इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई अमल में लाई जा सके।

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